आध्यात्मिक नेता आसाराम बापू दिल्ली दुष्कर्म पीड़िता के बारे में टिप्पणी करने के कारण सोमवार को कांग्रेस और भाजपा के निशाने पर आ गए.
आसाराम ने कथित रूप से टिप्पणी की कि पीड़िता को आरोपियों को भाई संबोधित करना चाहिए था और सरस्वती मंत्र का जाप करना चाहिए था.
आसाराम ने कहा, 'पीड़िता भी दुष्कर्म के आरोपियों के जितना ही दोषी है. उसे आरोपियों के सामने भीख मांगनी चाहिए थी.'
आसाराम बापू ने कहा, 'पीड़िता को अपराध करने से रोकने से पहले आरोपियों को भाई कह कर संबोधित करना चाहिए था. इससे उसका सम्मान और जीवन बच सकता था. क्या एक आदमी मददगार हो सकता है? मैं ऐसा नहीं मानता.'
उन्होंने आगे कहा है, 'क्या उसने (पीड़िता ने) सरस्वती मंत्र का जाप किया, पुरुष मित्र के साथ सिनेमा देखने के बाद उसे किसी बस में सवार नहीं होना चाहिए था.'
इस टिप्पणी की कांग्रेस और भाजपा दोनों ने तीव्र भर्त्सना की. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, 'ऐसे बयान की जितनी संभव हो सके निंदा की जानी चाहिए.'
कांग्रेस के ही राशिद अल्वी ने कहा, 'राजनीतिक नेता हों या धार्मिक नेता दोनों को मुंह खोलने से पहले गंभीरता से विचार कर लेना चाहिए.'
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि टिप्पणी अत्यंत खेदजनक और दुखद है. हम उम्मीद करते हैं कि आसाराम बापूजी आत्मविश्लेषण करेंगे और बयान वापस लेंगे.
प्रसाद ने कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि आसाराम हिंदू चिंतन से भलि भांति वाकिफ हैं जिसके तहत महिलाओं को आदर सम्मान का स्थान हासिल है. इसी तरह हमारे संविधान में भी महिलाओं को बगैर किसी भेदभाव के बराबरी की हैसियत दी गई है. इस मामले में उनके लिए उस मामले पर टिप्पणी करना जरूरी नहीं था जिसने पूरे देश की चेतना को हिला कर रख दिया. माफ कीजिए इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.'
ज्ञात हो कि 23 साल की युवती के साथ चलती बस में 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसे व उसके पुरुष मित्र को घोर शारीरिक यातनाएं दी. दोनों को घायल और खून से लथपथ हालत में सड़क के किनारे फेंक दिया. पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई.