पश्चिमी असम के कोकराझार जिले में ऑल बोडो माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएमएसयू) के अध्यक्ष और जिले में लोकप्रिय नेता लफीक उल इस्लाम अहमद की मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह ने कहा कि अहमद कोकराझार शहर के तितागुरी बाजार की एक दुकान से टाइल खरीदने गए थे तभी बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 राइफल से उन पर गोलियां चला दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गया, पुलिस को घटनास्थल से एके 47 के तीन खाली कारतूस मिले हैं.
कोकराझार और इसके नजदीक निचले असम के कुछ जिलों में तनाव व्याप्त हो गया और प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर कुछ स्थानों पर तनावपूर्ण हालत की खबर है. एबीएमएसयू ने हत्या के विरोध में बेमियादी बंद की घोषणा की है और अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है. हत्या के बाद निचले असम के सभी जिलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा, ‘‘अपराधियों को पकड़ने के लिए जांच चल रही है. मैं पहले ही एक आईजी से मौके पर जाने को कह चुका हूं और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल भेजे हैं.’’ सहाय ने कहा कि वह स्थिति को देखने और हमलावरों को पकड़ने के लिए जांच में तेजी लाने के लिए बुधवार रात खुद घटनास्थल जाएंगे.
अहमद बोडोलैंड क्षेत्रीय जिलों के अल्पसंख्यकों के बीच लोकप्रिय थे और समुदाय के युवकों की मजबूत आवाज थे. पहले भी कुछ बदमाशों ने उन पर हमला किया था जिसके बाद पुलिस ने उन्हें निजी सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराए थे. असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने घटना की निंदा करते हुए पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय से मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने को कहा है.
पुलिस ने कहा कि हत्यारों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है और मामले की तहकीकात की जा रही है. हत्या की निंदा करते हुए असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रिपून बोरा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘‘असम सरकार को अपराधियों को तुरंत पकड़कर अपनी हिम्मत और ईमानदारी दिखानी चाहिए. हम मांग करते हैं कि असम सरकार लोगों और संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करे.’’ माकपा के सचिव देबेन भट्टाचार्य ने उपयुक्त जांच और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तक एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी की मांग की.
कृषक मुक्ती संग्राम समिति के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने इसे राजनीतिक हत्या करार दिया और कहा कि यह क्षेत्र को अस्थिर करने तथा सांप्रदायिक तनाव भड़काने की गहरी साजिश है. एआईयूडीएफ के सचिव एच हुसैन बोरा ने कहा कि युवा नेता की हत्या के लिए अपराधियों को अधिकतम सजा मिली चाहिए.