बिहार के सीवान से नई दिल्ली जा रही एसी स्पेशल ट्रेन में एक महिला यात्री पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. ट्रेन में मौजूद पुलिसकर्मियों से भी महिला को कोई मदद नहीं मिली. पीड़ित महिला ने फेसबुक पर अपना दर्द साझा किया.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, बिहार के सीवान जिले की रहने वाली पीड़िता मोनिका शेखर ने लखनऊ जीआरपी को दी शिकायत में बताया, दो जुलाई की रात वह 04403 एसी स्पेशल ट्रेन में पति के साथ सीवान से दिल्ली के लिए रवाना हुईं थीं. गोरखपुर से गोंडा के बीच कुछ यात्री उनकी सीट पर आकर बैठ गए. उनमें एक महिला भी थी.
मोनिका के साथ की मारपीट
मोनिका ने एतराज जताया तो वह लोग हमलावर हो गए. उन्होंने मोनिका के साथ मारपीट कर डाली. मोनिका के पति ने ट्रेन में मौजूद स्क्वॉड की मदद लेनी चाही पर कोई मदद नहीं मिल पाई. मोनिका ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को घटना के बाबत ट्वीट किया. रेलमंत्री ने फौरन संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए.
हमलावरों के खिलाफ नहीं की कार्रवाई
मोनिका के पास लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराने का मैसेज आया. लखनऊ में जीआरपी की टीम ने पीड़ित दंपति से घटना की जानकारी ली, लेकिन हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. मोनिका का इलाज कराया गया. लखनऊ पुलिस ने महिला यात्री पर आरोप होने और उनकी टीम में लेडी कांस्टेबल न होने पर कार्रवाई नहीं कर पाने की मजबूरी बताई.
रेलमंत्री के निर्देश के बावजूद नहीं की कार्रवाई
ट्रेन आगे बढ़ गई. रात करीब 10 बजे बरेली पहुंचने पर भी जीआरपी ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़ित दंपति ने रेलमंत्री के निर्देश के बावजूद पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई. ट्रेन में मौजूद स्क्वॉड से भी कोई मदद न मिलना भी सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करता है.
फेसबुक पर बताई आपबीती
मोनिका ने फेसबुक पर घटना का जिक्र करते हुए अपना दर्द साझा किया. मोनिका ने ट्रेनों में सुरक्षा पर तमाम सवाल खड़े किए. रेलवे और उसकी व्यवस्था को कोसते हुए मोनिका लिखती हैं, 'भगवान न करें किसी यात्री को इस तरह के दिन देखने पड़े.'
जुनैद हत्याकांड से भी नहीं लिया सबक
हाल ही में फरीदाबाद और पलवल के बीच ट्रेन में हुई घटना में जुनैद की मौत से भी रेलवे प्रशासन और जीआरपी ने कोई सबक नहीं लिया है. जुनैद पर हमला भी सीट के विवाद को लेकर हुआ था और उसकी हत्या कर दी गई थी. एक बार फिर ट्रेन में महिला यात्री पर हमला वाकई सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवालिया निशान खड़े करता है.