यूपी के आजमगढ़ से एक नौजवान के साथ हुए जुल्मो सितम की एक वीडियो सामने आई है, जो किसी के भी रौंगटे खड़े कर देने के लिए काफ़ी हैं. जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोगों ने युवक के हाथ पांव बांध कर उसे लोहे के पलंग पर लिटाया और फिर रुक-रुक कर उसके पैरों में करंट लगाया. ये सब कुछ तब तक चलता रहता है, जब तक वो शख्स दर्द से बेहोश नहीं हो गया.
वो नौजवान खाट पर पीठ के बल लेटा था. उसके दोनों हाथ सिरहाने से बंधे हुए थे, दोनों पांव खुले तो ज़रूर थे, लेकिन उनमें बिजली की नंगी तार लिपटी हुई थी. इधर, इशारा होता था, उधर पंखे से लगे तार के दूसरे छोर पर करंट छोड़ दिया जाता था. वो नौजवान दर्द से छपटाने लगता था, उसके मुंह से या अल्लाह, या अल्लाह निकलने लगता है. क्या आप यकीन करेंगे बिजली के हर झटके से या अल्लाह-या अल्लाह चिल्लाने वाले इस नौजवान का नाम शिव कुमार है? लेकिन चूंकि वो इस वक्त जिन लोगों के कब्ज़े में हैं, उनका ताल्लुक मुस्लिम धर्म से है, तो अपनी जान बचाने के लिए अल्लाह से फरियाद कर रहा है.
क़ानून के राज में किसी शहर के बीचों-बीच जुल्मो-सितम की इस वारदात पर यकीन करने को जी तो नहीं चाहता, लेकिन भयानक गुनाह की ये तस्वीरें अब ना सिर्फ़ सोशल मीडिया में आम हो चुकी हैं, बल्कि पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इस सिलसिले में कुछ गुनहगारों को गिरफ्तार भी कर लिया है.
मगर, सवाल ये है कि आख़िर एक नौजवान पर इंसानियत की तमाम हदों से आगे निकल कर यूं जुल्म ढाने की वजह आख़िर क्या है? तो जवाब नौजवान की ओर से थाने में दी गई इस तहरीर में लिखा है. इसका एक-एक हर्फ़ तो हम आपको हुबहू नहीं पढ़ा सकते, लेकिन इसकी पंक्तियां बता रही हैं कि नए दौर में ज़ुल्मो सितम के इस सबसे ताज़े वाकये की बुनियाद में भी कहीं ना कहीं नफ़रत का मज़हबी एलीमेंट ज़रूर घुसा हुआ है.
मामला यूपी के आज़मगढ़ जिले का है. और वारदात सोलह आने सही है. लेकिन इस वाकये को लेकर फिलहाल दो थ्योरीज़ सामने हैं. पहली थ्योरी जो पीड़ित लड़के ने पुलिस को लिखित में दी है. लड़के के मुताबिक इस वाकये से एक महज़ एक रोज़ पहले उस पर जुल्म ढाने वाले लोगों ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका उसने विरोध किया था. बदले में अगले दिन टीका-टिप्पणी करने वाले लोगों ने ना सिर्फ़ सुबह-सुबह उसे घर से अगवा कर लिया, बल्कि दिन भर उसे बुरी तरह पीटते और कंरट लगाते रहे.
हालांकि जिले के एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह का इस मामले पर कुछ और ही कहना है. एसपी ग्रामीण की मानें तो लड़के के साथ ये मारपीट और करंट लगाने के वाकये के पीछे दरअसल मोबाइल चोरी की कहानी है. पुलिस के मुताबिक हमलावरों को इस लड़के पर मोबाइल चोरी का शक था, जिसके चलते उन्होंने इस लड़के को अगवा कर उसके साथ मारपीट की. वैसे एसपी साहब की इस थ्योरी की पुष्टि ज़ुल्मो-सितम के इस वीडियो के दौरान हमलावर और पीड़ितों के बीच हुई बातचीत से भी हो जाती है.
लेकिन एक मोबाइल के लिए इंसानियत की तमाम हदों से नीचे गिर कर कायदे क़ानून को धत्ता बताते हुए किए जुल्मो सितम की ये वारदात जितनी डरावनी है, यकीनन इसके पीछे नफ़रत की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. सवाल ये है कि अगर ये नौजवान गुनहगार भी है, तो इन लोगों को उसे इस तरह सज़ा देने का हक़ भला किसने दे दिया? बात सोचने वाली है.