संतकबीर नगर के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे बदल दिए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में अभी तक पीड़ित महिला को न्याय नहीं मिला है. वो अपने बच्चे को पाने के लिए दर-दर भटक रही है. मामला अब पुलिस के पास पहुंच गया है.
अस्पतालों में अक्सर बच्चे बदलने की घटनाएं सामने आती रही है. ऐसा ही एक मामला यूपी के संतकबीर नगर में सामने आया है. कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के थुरंडा गांव की रहने वाली नूरजहां ने 24 अगस्त को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खलीलाबाद में एक बच्चे को जन्म दिया था.
स्वास्थ्य केंद्र कर्मियों ने उसे बेटा होने की सूचना दी. और जन्म प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. डिस्चार्ज करते समय उस महिला से कहा गया कि वह अपने बच्चे को 24 घंटे के बाद ही देखे. लेकिन घर पहुंचते ही जब नूरजहां ने बच्चे को देखा तो उसके उसके होश उड़ गए. उसकी गोद में बेटा नहीं एक बेटी थी.
नूरजहां को बच्चा बदलने का पूरा मामला समझ में आ गया. उसने तुरंत इस बात की शिकायत स्वास्थ कर्मियों से की. जब वहां कुछ सुनवाई नहीं हुई तो उसने अपना बच्चा वापस पाने के लिए सीएमओ आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव से गुहार लगाई. लेकिन उन्होंने इसे प्रमाण पत्र पर लिखने की गलती बताकर नूरजहां को टाल दिया.
मामला पुलिस तक जा पहुंचा. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. सीएमओ ने भी जन्म प्रमाण पत्र पर बेटा लिखा होने की जांच के लिए कहा है. कोतवाली खलीलाबाद पुलिस गंभीरता से मामले की तफ्तीश कर रही है. फिलहाल उस मां को अब इंसाफ की दरकार है.