बाहुबली पूर्व सांसद और नेता अतीक अहमद ने देवरिया जेल में ऐसा खेल किया कि सरकार को उसे बरेली जेल का रास्ता दिखाना पड़ा. आज सुबह 8 बजे अतीक को बरेली लाया गया तो उसके पास अपनी सफाई में बहुत कुछ था. यहां पर उसने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसके ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वो सब गलत हैं. उसके ऊपर जो एफआईआर हुई है वो भी निराधार है. जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा. व्यापारी के कई अधिकारियों से तार जुड़े हुए हैं.
इतना ही नहीं अतीक अहमद ने यह भी कहा कि वो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे. किस पार्टी से चुनाव लड़ने के सवाल को वो टाल गए और तो कहा कि जेल में वो तय करेंगे इसीलिए सुकून से आए हैं.
अतीक अहमद ने आगे कहा कि जिस व्यापारी ने एफआईआर लिखाई है उसकी तमाम अधिकारी मदद कर रहे हैं. वहीं, अतीक ने कहा कि व्यापारी से उनका लेनदेन था इसलिए बातचीत होती थी.
गौरतलब है कि लखनऊ के बिल्डर से जेल में मारपीट के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि कई अफसर नप गए. बताया जाता है कि लखनऊ के बिल्डर मोहित अग्रवाल का ये हाल देवरिया जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद ने करवाया. अतीक गुर्गों ने 26 दिसंबर को सरेआम मोहित का अपहरण किया और फिर उसी की गाड़ी में दवेरिया जेल ले जाया गया. जहां अतीक ने मोहित की बांधकर पिटाई करवाई और जबरन उसकी दो कपंनियां अपने गुर्गों के नाम लिखवा ली.
इसके बाद जब मोहित ने लखनऊ में आला पुलिस अधिकारियों के सामने शिकायत की तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में लखनऊ से लेकर देवरिया तक पुलिस हरकत में आ गई. पहले डीआईजी जेल ने घंटों पड़ताल की और फिर देर रात डीएम और एसपी ने भारी फोर्स के साथ देवरिया जेल पर छापेमारी की.
जेल सुपरिटेंडेंट को नहीं इस घटना की जानकारी...
लोगों को हैरानी तो जेल सुपरिंटेंडेंट के बयान पर हुई. जिन्हें जेल में ना तो अतीक के सम्राज्य के बारे में कोई जानकारी है और ना ही मोहित जायसवाल की पिटाई की. इसके बाद जब चौतरफा दबाब हुआ तो योगी सरकार ने जेल में अतीक की गुंडागर्दी पर एडीजी जेल से रिपोर्ट तलब कर ली. अतीक और उसके बेटे उमर के साथ-साथ 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अपहरण में शामिल अतीक के दो गुर्गों को भी गिरफ्तार किया गया है .