बरेली की निर्भया को 4 साल बाद न्याय मिला है. पॉक्सो कोर्ट ने शु्क्रवार को दोषियों की सजा पर फैसला सुना दिया. कोर्ट ने मामले में दोनों युवकों को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने दिल्ली के निर्भया कांड से तुलना करते हुए आज दोषियों को फांसी की सजा सुनाई. बता दें कि नबाबगंज में 29 जनवरी 2016 को किशोरी के साथ जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था. युवकों ने किशोरी का गैंगरेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. कोर्ट ने मामले में दो लोगों को दोषी पाया.
बरेली में नाबालिग के दोषियों को उस समय फांसी की सजा सुनाई गई है, जब दिल्ली के निर्भयाकांड के दोषियों को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया है. साल 2012 के निर्भयाकांड के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. निर्भयाकांड के दोषी मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को जेल नंबर 3 में फांसी दी जाएगी. फिलहाल चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इस महीने के शुरुआत में बरेली में एक महिला से गैंगरेप का एक मामला और सामने आया. पीड़ित महिला ने 39 लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला भी दर्ज कराया है. इनमें से चार आरोपी नामजद हैं, जबकि 35 अज्ञात हैं. वहीं, महिला के खिलाफ पूरा गांव एकजुट हो गया है.
गांव वालों ने महिला के खिलाफ पुलिस अधीक्षक ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सर्कल ऑफिसर अशोक कुमार से भी मुलाकात की, जिन्होंने ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि महिला ने गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज कराया है. उसके पति ने इन 39 लोगों से 2.50 लाख रुपये उधार लिए थे, जिसे चुकाने के लिए उसके पति को कहा गया था.
(इनपुट- कृष्ण राज)