कर्नाटक के कांग्रेस विधायक एनए हरीश के बेटे मोहम्मद नालापाड़ ने एक युवक के साथ मारपीट के मामले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. बीते रविवार को नालापाड़ के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. क्यूबन पार्क पुलिस ने नालापाड़ के सरेंडर की पुष्टि की है.
घटना शनिवार की रात की है. नालापाड़ ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक रेस्टोरेंट में मामुली कहासुनी के बाद विद्वत नाम के एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी. यहां तक कि नालापाड़ उस अस्पताल भी पहुंच गया, जहां घायल युवक को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया.
नालापाड़ ने अस्पताल में फिर से युवक के साथ मारपीट की और धमकाया भी. घटना ने कर्नाटक की राजनीति में हड़कंप मचा दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने भी घटना की निंदा की थी. राजनीतिक दबाव के चलते आरोपी नालापाड़ को बेंगलुरू यूथ कांग्रेस महासचिव पद से भी हटाना पड़ा.
घटना के बाद से ही नालापाड़ फरार चल रहा था. सोमवार को नालापाड़ अपने वकील के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचा और अपना बयान दर्ज कराया. पुलिस ने नालापाड़ को हिरासत में लेकर कोर्ट के सामने पेश किया. नालापाड़ ने कोर्ट से जमानत मांगी है.
क्यूबन पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर के. सुरेश के मुताबिक, नालापाड़ का बयान दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने कोर्ट से नालापाड़ की हिरासत की मांग की है. पुलिस ने नालापाड़ पर हत्या की कोशिश का भी केस दर्ज किया है.
उधर राजनीतिक दबाव के चलते सत्तारूढ़ कांग्रेस ने रविवार को नालापाड़ को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई. बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर टी सुनील कुमार ने सर्किल इंस्पेक्टर विजय हदगल्ली को केस दर्ज न करने और उसका पता लगाने में विफल रहने को लेकर निलंबित कर दिया था, हालांकि बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया.
मामले को लेकर भाजपा, जनता दल सेक्युलर व आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. हालांकि इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई और पुलिस को इन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजनी पड़ीं.
विजय हदगल्ली ने बताया कि नालापाड़ जब रेस्टोरेंट में दाखिल हुआ उस समय विद्वत पहले से वहां बैठा था. उसने पैर एक कुर्सी के ऊपर रख रखी थी, जिस पर नालापाड़ ने आपत्ति जताई. इसी बात को लेकर उनके बीच कहासुनी शुरू हुई थी. इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वरा ने पीड़ित विद्वत का हालचाल लिया और उसके इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की.