दिल्ली पुलिस ने राजधानी में चल रहे एक बड़े किडनी रैकेट का पर्दाफाश किया है. दिल्ली के सरिता विहार थाने की पुलिस ने किडनी बेचने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. और तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. ये लोग कथित तौर पर किडनी बेचने का काम करते थे.
साउथ ईस्ट दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोलो हॉस्पिटल में किडनी रेकेट के मामले में खुलासा होने के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक असीम, आशु और देवाशीष, आशीष और शैलेश नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि तीन और लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है.
इन तीन लोगों के अलावा पुलिस दिल्ली के जाने माने अपोलो हॉस्पिटल के 2 कर्मचारियों से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में देवाशीष और असीम कोलकाता का रहने वाले हैं जबकि आशु कानपुर का निवासी है.
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने IPC 120 B साजिश रचना, IPC 420 चीटिंग और गैर कानूनी तरीके से जिंदा इंसान के अंग निकालने के ऐक्ट 18,19, 20 का मामला दर्ज किया है. करीब 4 से 5 लाख में किडनी बेचने का आरोप है.
दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो अस्पताल के कुछ डॉक्टर भी रडार पर हैं. 4-5 लाख में जरूरतमंद अपनी किडनी बेचते थे, इनके पास जिनको ये आगे 20-25 लाख में बेच देते थे.
दक्षिण-पूर्व रेंज के संयुक्त पुलिस कमिश्नर आरपी उपाध्याय का कहना है कि इतनी बड़े गौरखधंधे को बिना डॉक्ट रों की मदद से नहीं किया जा सकता. एक तरफ पुलिस का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि आरोपी डॉक्टर को बहला फुसला कर उनसे हस्ताक्षर कराते हों. क्योंकि बिना डॉक्टरों के हस्ताक्षर के किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सकती.
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अपने बयान में कहा है कि वह पुलिस को जांच में पूरी मदद कर रहे है. मामले की गंभीरता से जांच चल रही है.