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एसिड अटैक: नए कानून के तहत पहला फैसला, 10 साल की सजा

मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने 70 साल के आदमी को एसिड अटैक करने के जुर्म में 10 साल जेल की सजा सुनाई. दो साल पहले लागू हुए नए कानून के तहत बिहार में यह अदालत का पहला फैसला है.

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बिहार में मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने 70 साल के आदमी को एसिड अटैक करने के जुर्म में 10 साल जेल की सजा सुनाई. दो साल पहले लागू हुए नए कानून के तहत बिहार में यह अदालत का पहला फैसला है.
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जिला और सेशन जज तरुण कुमार सिन्हा ने मंगवलवार को रमाकांत राय उर्फ बॉक्सिंग राय को 15 साल पुराने मामले में सजा सुनाई. राय को 30 हजार रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश दिया गया है. लगातार बढ़ते एसिड हमलों पर काबू पाने के लिए 'क्रिमिनल लॉ (संशोधन) एक्ट 2013' बनाया गया था. अप्रैल 2014 में इसमें संशोधन के बाद से इस कानून के तहत किया गया यह पहला फैसला है. नए कानून में पीडि़ता को अपना इलाज कराने के लिए 20 हजार रुपये देने का भी प्रावधान है.

आंख की रोशनी चली गई
जिस मामले में रमाकांत राय को सजा सुनाई गई, वह 29 अप्रैल 2000 का है. घटना मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आने वाले मीनापुर पुलिस स्टेशन की है. पीडि़ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह घर में सो रही थी, तब राय और एक दूसरे आदमी ने उस पर तेजाब फेंका. पीडि़ता हादसे में 80 फीसदी जल गई थी. एसिड हमले की वजह से उसकी एक आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई और वह दूसरी आंख से भी ठीक से नहीं देख पाती.

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