बिहार की मुंगेर पुलिस ने पिछले दिनों एक हथियार तस्कर गिरोह का भांडाफोड़ किया था जिनकी निशानदेही पर शहर के कई इलाकों से 20 AK-47 बरामद किए गए. दिलचस्प बात यह है कि यह सभी AK-47 गंगा नदी के अंदर, जमीन के अंदर या तो कुएं के अंदर छिपाकर रखे गए थे. इस पूरे मामले में अब तक कुल 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
दरअसल AK-47 का यह जखीरा 2012 से लगातार जबलपुर हथियार डिपो से चुराए गए उस 60-70 AK-47 का हिस्सा है जिसे मुंगेर लाया गया था और उसके बाद आगे नक्सलियों और अपराधियों को सप्लाई कर दिया गया.
'आज तक' से खास बातचीत करते हुए मुंगेर एसपी बाबूराम ने यह बात स्पष्ट तौर पर कहा कि इस मामले की जांच में यह खुलासा हो चुका है कि जबलपुर हथियार डिपो से चुराए गए AK-47 जो मुंगेर लगाए थे वह बिहार और झारखंड के नक्सलियों समेत प्रदेश के अपराधियों को भी सप्लाई किया गया है.
मुंगेर एसपी बाबूराम ने कहा कि इस पूरे रैकेट का सरगना मंजर गिरफ्तार किया जा चुका है और यह बात अब सामने आई है कि इस रैकेट की तार झारखंड के हजारीबाग और बिहार में औरंगाबाद तथा गया तक जुड़े हुए हैं. जांच में यह बात सामने आई है कि मंजर नक्सलियों के साथ-साथ अपराधियों को भी AK-47 सप्लाई किया करता था.
एसपी ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत मिल चुके हैं कि बिहार में मंजर ने अपराधियों को भी AK-47 की भारी संख्या में सप्लाई की है यानी कि प्रदेश में ऐसे कई अपराधी गिरोह है जिनके पास AK-47 हैं.
बिहार में पिछले दिनों अनेकों हत्या की घटनाएं हुई हैं जहां पर अपराधियों ने AK-47 का इस्तेमाल किया है और ऐसे में मुंगेर पुलिस इसको लेकर भी जांच कर रही है कि क्या हत्या में इस्तेमाल किए गए AK-47 के तार मुंगेर से जुड़े हैं?