बिहार की राजधानी पटना में आरपीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो आईआरसीटीसी की वेबसाइट से फर्जी टिकट बनाने का काम कर रहा था. ये गिरोह निजी आईडी पर मिलते-जुलते फर्जी नामों से टिकट बुक कर लेता था. गिरोह का संचालन पटना जंक्शन के पास स्थित पूजा ट्रैवल्स से किया जा रहा था. RPF को छापे के दौरान पता चला कि इस गिरोह ने सालभर में करीब एक करोड़ रुपये के टिकट बेचे हैं.
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से फर्जी नामों वाली टिकट बुक करने के लिए सैकड़ों आईडीज़ का इस्तेमाल किया गया था. आरपीएफ ने पूजा ट्रैवल्स से दो दलाल भी गिरफ्तार किए हैं, जो ये टिकट यात्रियों को ऊंची कीमतों पर बेचा करते थे. ये सभी टिकट भारत के कई राज्यों को जाने और आने वाले ट्रेनों की थी. जिसे समय से पहले ही बुक कर लिया गया था. आरपीएफ ने मौके से करीब 5 लाख रुपये के ई-टिकट बरामद किए हैं.
दरअसल, आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि पूजा ट्रैवल्स में टिकटों का गोरखधंधा चलता है. इसके बाद आरपीएफ ने कार्रवाई करते हुए वहां छापा मारा और लगभग एक करोड़ के टिकट बरामद कर लिए. रेलवे पुलिस पकड़े गए दोनों दलालों से पूछताछ कर रही है. आरपीएफ ने पूजा ट्रैवल्स से 52 हजार रुपये नकद, एक कंप्यूटर, एक प्रिंटर और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं.
आरपीएफ के मुताबिक टिकटों का गोरखधंधा करने वालों ने होली और गर्मी की छुट्टियों के लिए पहले से ही फर्जी नामों पर टिकट बुक करके अपने पास रख लिए थे. आरपीएफ ने दो दलालों को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन गिरोह का सरगना और पूजा ट्रैवल्स का संचालक मनोज कुमार पुलिस के हाथ नहीं आया. इस छापेमारी को हाल के महीनों में रेलवे पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है.
छानबीन और पूछताछ के दौरान आरपीएफ को पता चला कि ये शातिर हर टिकट पर करीब एक हजार रुपये तक कमा लेते थे. पीक सीजन में तो हर टिकट पर इनकी कमाई दो हजार तक पहुंच जाती थी. पकड़े गए आरोपी चंदन और पंकज ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने होली और समर वैकेशन के लिए पहले से टिकट बुक कर रखे थे. इस दौरान RPF ने टिकट बुक करने वाली करीब डेढ़ सौ आईडी डीएक्टिवेट की हैं. आगे की जांच जारी है.