बिहार पुलिस के हत्थे एक ऐसा क्लर्क चढ़ा है जो, सरकारी कर्मचारियों के पीएफ खातों से अब तक करोड़ों रूपये साफ कर चुका था. पुलिस आरोपी क्लर्क से पूछताछ कर उसके कारनामों का काला लेखा-जोखा तैयार कर रही है.
बिहार पुलिस ने शातिर क्लर्क सुमनकांत को आलमगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि आरोपी क्लर्क सुमनकांत के खिलाफ सरकारी कर्मियों के खातों से करोड़ों रुपये अवैध तरीके से निकालने को लेकर मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस इस मामले में आरोपी की मां और पत्नी को बीते माह अगस्त में गिरफ्तार कर चुकी है.
एसएसपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस फर्जीवाड़े में कई चिकित्सा पदाधिकारी, कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. जल्द ही उनकी तलाश कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. एसएसपी के मुताबिक, आरोपी से पूछताछ में पुलिस को इस पूरे मामले में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता चला.
30 फीसदी देता था कमीशन
क्लर्क ने पुलिस को बताया कि ट्रेजरी के कई कर्मचारियों और डाटा ऑपरेटरों की मदद से वह फर्जी कागजात तैयार करता था. इस काम के लिए बैंक के कर्मचारियों और ट्रेजरी के कर्मियों को कमीशन के रुप में अवैध रुप से निकाली गई राशि का 30 फीसदी हिस्सा दिया जाता था.
सरकारी वेबसाइट से मिलती थी जानकारी
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि आरोपी सुमनकांत डाटा ऑपरेटर, ट्रेजरी के कर्मचारियों की मिलीभगत से बिहार सरकार की वेबसाइट से सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के पीएफ खाते में जमा रकम की जानकारी लेने के बाद उन खातों से रकम निकाल लेता था.
हाईकोर्ट ने गृह सचिव को सौंपी थी जांच
पीड़ित कर्मचारियों को जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तो उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. मामले के तूल पकड़ते ही पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा राज्य के गृह सचिव को सौंपा. जांच में खुलासा हुआ कि इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड क्लर्क सुमनकांत है.
करोड़ों रूपये निकाल चुका है आरोपी
बता दें कि सुमनकांत पर पीएफ खाते से एक करोड़ 72 लाख रूपये निकालने के मामले में पिछले साल जून में आलमगंज थाने में मामला दर्ज किया गया था. वहीं जून में ही अवैध रूप से दो करोड़ 70 लाख रूपये निकालने के एक अन्य मामले में पालीगंज थाने में भी आरोपी क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.