बिहार पुलिस अपने कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहती है. इस बार भी पुलिस का ऐसा मजाक बना कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्मसार होना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार के दौरान सलामी के लिए उठी 22 राइफलों में से एक से भी गोली नहीं निकली.
डॉ. जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव बलुआ सुपौल में किया गया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी उपस्थित थे. मिश्र का सोमवार को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की थी और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा था.
राजकीय सम्मान के दौरान पुलिस की 22 राइफल्स आसमान की तरफ उठीं जरूर, लेकिन उसमें से गोली नहीं निकली. यानी 22 के 22 राइफलों से गोली नहीं चली. मुख्यमंत्री के सामने पुलिस की स्थिति की पोल खुलते ही आला अधिकारी अगल-बगल झांकने लगे. मुख्यमंत्री ने आईजी की तरफ इशारा करके पूछा ये क्या हो रहा है और जिले के एसपी ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह उच्चस्तरीय मामला है, इसलिए इस पर डीजीपी ही कुछ बता पाएंगे.
#WATCH Rifles fail to fire during the state funeral of former Bihar Chief Minister Jagannath Mishra, in Supaul. (21.8.19) pic.twitter.com/vBnSe7oNTt
— ANI (@ANI) August 22, 2019
बता दें कि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि जो भी संसाधन की जरूरत हो पुलिस को वो देने के लिए तैयार रहते हैं और देते भी हैं लेकिन उन्हें रिजल्ट चाहिए. लेकिन ऐसा रिजल्ट होगा यह किसी ने नहीं सोचा था.
बिहार पुलिस का हमेशा किसी न किसी कारण मजाक उड़ता रहा है. कभी पुलिसकर्मियों की गतिविधि की वजह से तो कभी संसाधनों के अभाव में. लेकिन ये घटना वाकई चौंकाने वाली है और इसकी उच्चस्तरीय जांच भी होनी चाहिए. आखिर कैसे पुलिस ऐसी गोलियों की बदौलत अपराधियों का मुकाबला करेगी, जो मौके पर निकल ही नहीं पाती. अंतिम संस्कार में भाग लेने पहुंचे आरजेडी के विधायक यदुवंशी यादव ने पुलिस में घोटाले का गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.