सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को कड़े
सुरक्षा के पहरे में तिहाड़ जेल लाया जा रहा है. शहाबुद्दीन को शुक्रवार
देर रात तिहाड़ ले जाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल सीवान मंडल कारा
पहुंचा. सफेद रंग की सूमो में शहाबुद्दीन को सीवान जेल से पटना
ले जाया गया. जिसके बाद अब ट्रेन से बाहुबली को दिल्ली लाया जा रहा है.
शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात तकरीबन 2 बजकर 40 मिनट पर कड़ी सुरक्षा में शहाबुद्दीन को सीवान से पटना भेजा गया जहां से उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है. शहाबुद्दीन को सीवान जेल से टाटा सूमो में बैठाकर पटना ले जाया गया. शहाबुद्दीन के तिहाड़ शिफ्ट होने की खबर पर आधी रात ही उनके समर्थक काफी संख्या में सीवान जेल गेट पर पहुंचे और शहाबुद्दीन के पक्ष में नारेबाजी करने लगे.
मौके पर डीएम, एसडीओ और एएसपी के साथ काफी संख्या में एसटीएफ, बिहार पुलिस के ऑफिसर और कई थानों की पुलिस मौजूद थीं. मजबूत घेराबंदी के बीच शहाबुद्दीन को पटना के लिए रवाना किया गया. सीवान में आतंक का पर्याय माने जाने वाले शहाबुद्दीन को देर रात को गुपचुप तरीके से निकालने का फैसला इसलिए किया गया, ताकि शहर में कानून व्यवस्था न बिगड़ने पाए.
फिलहाल शहाबुद्दीन को पटना की बेउर जेल लाया गया है. शनिवार शाम उसे राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया जाएगा. अगले दिन यानी रविवार को रेलवे स्टेशन पहुंचते ही दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस के कड़े सुरक्षा पहरे में उसे तिहाड़ जेल लाया जाएगा. शहाबुद्दीन के तिहाड़ पहुंचने की खबर से तिहाड़ जेल प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है.
वहीं बेउर जेल पहुंचते ही बाहुबली शहाबुद्दीन को देखने के लिए कैदियों में होड़ मच गई. इस बीच बेउर जेल में बंद मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह शहाबुद्दीन से मिलने उसकी सेल में पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दोपहर के खाने में शहाबुद्दीन को सादा खाना (चावल, दाल और सब्जी) दी गई. खाने के बाद शहाबुद्दीन को संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली लाया जा रहा है. ट्रेन का एस-2 कोच सिर्फ शहाबुद्दीन और एसटीएफ कमांडो के लिए बुक किया गया है.
गौरतलब है कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को सीवान जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शहाबुद्दीन को 7 दिनों के अंदर सिवान से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाए. जिसके बाद से बिहार सरकार शहाबुद्दीन को सिवान जेल से निकालकर तिहाड़ जेल शिफ्ट करने की तैयारी में जुट गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने कहा था कि कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. आशा रंजन ने कहा, दोषी अब गवाहों और सबूतों को नष्ट नहीं कर पाएंगे. वहीं चंदा बाबू ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि इस फैसले से उनके अंदर समाया डर अब खत्म हो गया है.