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नीतीश राज में मनचलों का खौफ, 3 दर्जन लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ा

छेड़छाड़ करने वालों के खौफ से लड़कियां अपने घर में बंद होने को मजबूर हैं. डर के चलते बच्चियों ने स्कूल तक जाना छोड़ दिया है. इस मामले में एफआईआर तो दर्ज हो गई है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है.

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घर में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर छात्राएं (फोटो आजतक- रोहित कुमार सिंह)
घर में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर छात्राएं (फोटो आजतक- रोहित कुमार सिंह)

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बिहार के सुपौल में छेड़खानी का विरोध करने पर कुछ मनचलों द्वारा लड़कियों की बुरी तरह पिटाई करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नजदीकी सहरसा जिले से लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का एक और मामला सामने आया है. दबंगों के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गांव की तकरीबन 3 दर्जन छात्राओं ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है.

भाई का तोड़ दिया हाथ

यह मामला सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर थाने के तहत एकपढ़हा गांव का है जहां पर बीते 4 अक्टूबर को स्कूल जा रही छात्राओं के साथ बगल के गांव के मनचलों ने रास्ते में छेड़छाड़ की. इससे तंग आकर लड़कियों के स्कूल जाना ही छोड़ दिया है. जब एक छात्रा के भाई ने मौके पर छेड़छाड़ का विरोध किया तो मनचलों ने उसकी जमकर पिटाई भी की और उसका हाथ तोड़ दिया.

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दरअसल, एकपढ़हा गांव में एक भी हाई स्कूल नहीं है जिसकी वजह से गांव की बेटियों को 7 किलोमीटर दूर सिमरी बख्तियारपुर जाना पड़ता है. हर रोज की तरह सुबह 9:30 बजे गीता (बदला हुआ नाम) अपनी दो अन्य सहेलियों के साथ साइकिल पर बैठकर सिमरी बख्तियारपुर जा रही थी जब रास्ते में हर दिन की तरह छिपकर बैठे मनचलों ने उसके साथ छेड़छाड़ की.

इस दौरान गीता के छोटे भाई रमेश और राजेश (दोनों बदला हुआ नाम) सिमरी बख्तियारपुर से कुछ खरीदारी कर गांव वापस लौट रहे थे जब उन्होंने मनचलों को उनकी बहन और उसकी सहेलियों के साथ इस बर्ताव को देखा तो उन्होंने इसका विरोध किया. लेकिन लफंगों ने उनके साथ ही मारपीट कर दी, जिनमें से एक भाई का हाथ टूट गया. मारपीट के बाद मनचले वहां से फरार हो गए.

इस घटना से गांव की अन्य लड़कियां इतनी दहशत में हैं कि उन्होंने अगले दिन से स्कूल जाना ही छोड़ दिया. आजतक जब इस गांव पहुंचा तो लड़कियों का डर सामने आ गया.

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद आजतक एकपढ़हा गांव पहुंचा और लड़कियों से बातचीत की. गीता ने बताया कि जब वह नौवीं कक्षा में पढ़ती थी तब से ही वह साइकिल से अपनी सहेलियों के साथ स्कूल जाया करती थी और रास्ते में मनचले छेड़छाड़ किया करते थे. गीता ने बताया कि मनचले उन्हें गंदी-गंदी गालियां दिया करते थे, अश्लील टिप्पणी किया करते थे और अश्लील भोजपुरी गाने सुनाया करते थे जिससे वह काफी मानसिक सदमे में रहा करती थी.

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गीता ने बताया कि उसके और उसकी सहेलियों साथ मनचलों के द्वारा छेड़छाड़ की घटना पिछले 4 सालों से चल रही थी, मगर सभी को इस बात का डर था कि अगर उन्होंने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता दी तो उनका स्कूल जाना बंद हो जाएगा मगर आखिरकार हुआ वही.

कार्रवाई की मांग

एक छात्रा स्नेहा (बदला हुआ नाम) ने बताया अगले साल इन लोगों के 12वीं के बोर्ड की परीक्षा है और ऐसे में स्कूल नहीं जा पाने की वजह से उनके पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. स्नेहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि वह इस पूरे मामले में कार्रवाई करें ताकि गांव की लड़कियां दोबारा स्कूल जा सके.

मनचलों के खौफ से गांव के तकरीबन 3 दर्जन बेटियों ने एक सप्ताह से स्कूल जाना छोड़ दिया है. गीता की मां ने बताया कि उसे इस बात का डर है कि आज यह मनचले केवल अश्लील बातें और छेड़छाड़ किया करते हैं, मगर कल कोई और उसके साथ गलत हरकत को भी अंजाम दे सकते हैं. इसी वजह से वह आप अपनी बेटी को स्कूल नहीं जाने दे रही है.

FIR दर्ज, एक्शन नहीं

इस मामले में उदासीन करने वाली बात यह है कि घटना को लेकर पीड़ित लड़की और उसके भाई ने 4 अक्टूबर को ही सिमरी बख्तियारपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी मगर कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच करने के लिए गांव पर नहीं पहुंचा. जैसे ही आजतक की टीम 8 अक्टूबर को यहां पहुंची, पुलिस प्रशासन में जैसे हड़कंप मच गया और आनन-फानन में आरोपियों की धरपकड़ के लिए करवाई की गई. हालांकि, अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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पुलिस ने क्या कहा

सहरसा पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में मोहम्मद कासिम समेत उसके तीन बेटों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोशिश भी तेज कर दी गई है.

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