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गुड़िया गैंगरेप-मर्डर केसः प्रदर्शन के दौरान जब BJP पार्षद ने की पत्थरबाजी

पार्षद द्वारा पत्थरबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. नीचे दिए गए वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि भीड़ का नेतृत्व करते हुए भाजपा पार्षद बड़े जोश के साथ नारे लगाते हुए प्रदेश सचिवालय की ओर बढ़ रहे हैं.

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बीजेपी पार्षद की ये हरकत मोबाइल में किसी ने रिकॉर्ड कर ली
बीजेपी पार्षद की ये हरकत मोबाइल में किसी ने रिकॉर्ड कर ली

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हिमाचल प्रदेश के शिमला में गुड़िया गैंगरेप-मर्डर के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बीजेपी पार्षद के पत्थर फेंक कर भीड़ को उकसाने का मामला सामने आया है. यहां गुड़िया के लिए न्याय की मांग को लेकर हो रहे एक प्रदर्शन के दौरान बीजेपी पार्षद ने भीड़ को उकसाने के लिए पत्थर फेंका और फिर भीड़ में वापस लौट गए.

जब जनप्रतिनिधि ही पत्थरबाज बनकर कानून को अपने हाथ में लेने लगे तो उस शहर का भगवान ही मालिक है. पार्षद द्वारा पत्थरबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. नीचे दिए गए वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि भीड़ का नेतृत्व करते हुए भाजपा पार्षद बड़े जोश के साथ नारे लगाते हुए प्रदेश सचिवालय की ओर बढ़ रहे हैं.

 

 

वीडियो में नजर आने वाले यह लोअर ढली (मशोबरा) से भाजपा पार्षद शैलेंद्र चौहान हैं. यह लगातार दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं और इस बार डिप्टी मेयर पद के सशक्त दावेदारों में से एक थे. प्रदर्शनकारियों के साथ चलते-चलते अचानक शैलेंद्र चौहान पत्थर फेंकते हुए नजर आ रहे हैं. पार्षद की इस हरकत को मौके पर कई लोगों ने देखा और हैरान रह गए.

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यह एक तरह से भीड़ को उकसाने का काम हो रहा था. इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि इस जगह पर पार्षद के अलावा भीड़ में मौजूद किसी दूसरे प्रदर्शनकारी ने पत्थर नहीं फेंका. सवाल खड़े हो रहे है कि क्या पार्षद पत्थर फेंककर भीड़ को उकसाना चाहते थे? इसलिए उन्होंने पहले खुद पत्थर फेंककर पहल की? फिलहाल यह जांच का विषय है.

अगर भीड़ पार्षद की तरह ही पत्थरबाज बन जाती तो मौके पर स्थिति बेकाबू हो सकती थी. वहीं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी इस मामले में राजनीति करने वालों को खूब लताड़ लगाई. उनके पास पहुंचे नेताओं को उन्होंने गुड़िया मामले में राजनीति न करने नसीहत दी.

वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने कांगड़ा के पालमपुर में एक बस ड्राइवर से मारपीट की कोशिश की. बहरहाल इन सभी घटनाओं से यह तो साफ होता है कि केस की सीबीआई जांच के बावजूद शांत रहने वाले हिमाचल को अब राजनीति की आग में झोंका जा रहा है.

क्या था मामला

बीते 4 जुलाई को 10वीं में पढ़ने वाली 14 साल की गुड़िया (बदला हुआ नाम) की गैंगरेप कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस केस की शुरूआती जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. एक आरोपी की पुलिस लॉकअप में हत्या कर दी गई. प्रदर्शन के दौरान बेकाबू भीड़ ने थाने में आग लगा दी. जिसके बाद सूबे के तमाम जिलों में लोगों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए अदालत की ओर से केस की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए. वहीं इस केस में आरोपियों की एक फोटो पोस्ट करने को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी काफी विरोध का सामना करना पड़ा.

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