पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी नेता एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ लापता हो गए हैं. बताया जा रहा है कि कैफे कॉफी डे के मालिक सिद्धार्थ 29 जुलाई को मंगलुरु आ रहे थे. बीच रास्ते में सिद्धार्थ सोमवार शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतर गए और टहलने लगे. टहलते-टहलते वे लापता हो गए.
लापता होने से पहले सिद्धार्थ ने अपने सीएफओ से बात की थी. बताया जा रहा है कि कॉफी कैफे डे पर 7 हजार करोड़ का लोन है. पुलिस को शक है कि लोन के कारण सिद्धार्थ ने सुसाइड कर लिया.
Mangaluru Police Commissioner, Sandeep Patil on VG Siddhartha missing case: Boat service and help of local fishermen being taken to conduct search operation in the Netravati river. We are checking with whom all he spoke last. https://t.co/1xZtVsPHAi
— ANI (@ANI) July 30, 2019
मंगलुरु पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने कहा कि वीजी सिद्धार्थ बेंगलुरु से यह कहते हुए निकले थे कि वह सकलेशपुर जा रहे है, लेकिन रास्ते में अपने ड्राइवर से मंगलुरु जाने के लिए कहा. नेत्रावती नदी के पुल पर पहुंचकर सिद्धार्थ ने कार से नीचे उतरे और अपने ड्राइवर को जाने के लिए कहा.
मोबाइल स्विच ऑफ, नदी में तलाश
सीएफओ से बातचीत करने के बाद सिद्धार्थ का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. इस कारण एसएम कृष्णा समेत पूरा परिवार परेशान है. लापता सिद्धार्थ की तलाश के लिए दक्षिण कन्नड़ पुलिस लग गई है. सिद्धार्थ जिस जगह से लापता हुए हैं, वहां पर एक नदी है, जिसमें पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है.
Karnataka: VG Siddhartha, son-in-law of former CM SM Krishna and the founder-owner of the chain of Cafe Coffee Day, has gone missing near Netravati River in Mangaluru. Searches underway.
— ANI (@ANI) July 30, 2019
इस बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी एसएम कृष्णा के आवास पर पहुंचे थे. इसके अलावा कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार भी एसएम कृष्णा के घर पहुंचे.
कौन हैं एसएम कृष्णा
जीवन के 5 दशक कांग्रेस में गुजारने के बाद पूर्व विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. कर्नाटक की राजनीति में उनका दबदबा रहा है और वे 1999 से 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वे कर्नाटक विधानसभा में स्पीकर और 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के गवर्नर भी रह चुके हैं. 2017 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से नाराज होकर इस्तीफा दिया था और फिर बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया.