यूपी के गोरखपुर में तैनात IPS अफसर सीओ गोरखनाथ चारू निगम और बीजेपी MLA राधा मोहन दास अग्रवाल के बीच हुआ मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ बीजेपी विधायक सीओ गोरखनाथ पर लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी पर चारू निगम का कहना है कि किसी को भी कानून अपने हाथों में नहीं लेने दिया जाएगा. काननू-व्यवस्था के लिए जरूरी हर कदम उठाए जाएंगे. पुलिस पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद है.
जानकारी के मुताबिक, इस मामले की शुरुआत करीब 15 दिन पहले हुई थी. गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कोइलहवा गांव में शराब की तीन नई दुकानें खोली गई थी. इसका आसपास के लोगों ने कड़ा विरोध किया. घटना की जानकारी होने पर नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल मौके पर पहुंचे. उन्होंने एसडीएम और आबकारी अधिकारी को बुलाकर इस संबंध बात की, तो तय हुआ कि शराब की दुकान बंद की जाएगी. इस संबंध में एसडीएम ने आदेश भी कर दिया था.
बताया जा रहा है कि करीब पांच दिन पहले शराब की तीनों दुकान फिर खुल गईं. इसके बाद लोगों ने विधायक को सूचित किया, तो उन्होंने एसओ चिलुआताल को फोन किया. एसओ ने कहा कि उन्होंने शराब की दुकानें बंद करा दी हैं. लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं हुआ. इससे नाराज लोग रविवार को सड़क पर आ गए. लोगों ने रास्ता जाम कर दिया. एसओ पर पैसे लेकर शराब की दुकान खुलवाने का आरोप लगा. लोगों के विरोध के बीच सीओ गोरखनाथ चारू निगम भी वहां आ गईं.
इस प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. पुलिस पर जाम खुलवाने का दबाव था. ऐसे में उसने पब्लिक पर बल प्रयोग कर दिया. इससे एक गर्भवती महिला, बुजुर्ग और बच्चे सहित कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. इस बात की खबर जैसे ही विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल को मिली, वो पब्लिक के हक में पुलिस के खिलाफ खड़े हो गए. उन्होंने फिर से जाम लगा दिया और बड़े अफसरों को मौके पर बुलाने की मांग शुरू कर दी. इसी बीच सीओ और विधायक के बीच झड़प हो गई.
विधायक ने कहा- बीच में कूद पड़ी सीओ
विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने आजतक से Exclusive बातचीत में कहा, 'इस घटना के वक्त जब मैं पहुंचा, तो उस वक्त सीओ नहीं थी. एसओ ने मुझसे कहा कि दूकाने बंद नहीं होंगी. इसके बाद मैंने एसडीएम और आबकारी अधिकारी को फोन किया. वे लोग आए. मैं उनसे बात कर रही रहा था कि सीओ बीच में आ गईं. सीओ को इतना तक नहीं पता था कि मैं शहर का पिछले 15 साल से विधायक हूं. मैंने उनको बताया भी, लेकिन इसके बाद भी वह झगड़ने लगी. मेरे बार-बार कहने के बाद भी बोलती रहीं.'
विधायक को दी जा रही गाली और धमकी
विधायक ने बताया, 'मैंने सीओ से कहा कि मुझे तुमसे नहीं एसडीएम से बात करनी है. तुम हर समस्या की जड़ हो. एक सीमा के बाद मैं तुम्हे बर्दाश्त नहीं करूंगा. क्या मैंने कुछ गलत कहा, क्या मैंने उसके साथ कुछ गलत किया, क्या मैंने उसके साथ कोई अभद्रता की? सीओ की कोई जाति, धर्म या लिंग नहीं होता है. एक विधायक के नाते मेरा काम है कि मैं लोगों की आवाज उठाऊं. मेरी छवि खराब कर दी गई है. मुझे मुंबई से मैसेज और कॉल आ रहे हैं. लोग मुझे गालियां और धमकी दे रहे हैं.'
सीओ ने कहा- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
अपने उपर लगे आरोपों पर सीओ चारू निगम ने आजतक से Exclusive बातचीत में कहा, 'यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा मामला है. हमारे पास पूरी घटना का वीडियो है. उसमें सारी सच्चाई कैद है. उसमें साफ दिख रहा है कि एक महिला बार-बार पुलिसवालों और मुझे लाठी मार रही थी. उसकी लाठी से मुझे भी चोट आई है. जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त तो शराब की दूकानें भी बंद थीं. लोग केवल जाम लगाना चाहते थे. हमने उनको वहां से हटने का मौका दिया. लेकिन जब नहीं माने तो उन्हें हटाना पड़ा.'
इस मामले में पुलिस का रोल जानना जरूरी
एसओ द्वारा पैसे लिए जाने के आरोप पर चारू निगम ने कहा, 'मेरे अधिनस्थ लोगों पर किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के पहले पूरी प्रक्रिया जाननी चाहिए. इस पूरे मामले में पुलिस का रोल कहां से कहां तक है. यह जानना जरूरी है. मेरे मौके पर पहुंचते ही विधायक आगबबूला हो गए थे. उन्होंने कहा कि देखो, लो आ गई. देखो कितनी बदतमीज है. मैं उनसे बात भी नहीं की थी. लेकिन वह मुझ पर चिल्लाने लगे. वो यदि किसी चीज को बढ़ाना चाहते हैं, तो वो करें, मुझे इसे आगे नहीं बढ़ाना है.'
IPS ने कहा- मुझे चारू भाई कहते हैं लोग
अपने फेसबुक पोस्ट पर IPS अफसर ने बताया कि वह हमेशा हंसने वाली लड़की हैं. लोग उन्हें चारू भाई के नाम से जानते हैं. किसी ने मुझे ऐसे रोते हुए कभी नहीं देखा है. इसलिए उन्होंने अपने लोगों के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली, जो लोग उनकी फिक्र करते हैं, जो उनके लिए परेशान होते थे. वहीं, विधायक का कहना है कि वह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. आज तक उनके उपर कोई आरोप नहीं लगा है. उनके पास न तो कोई सुरक्षाकर्मी है, न ही हथियार है. यहां तक कि वह अपनी गाड़ी भी खुद चलाते हैं.
गर्भवती और बुजुर्ग महिला के साथ मारपीट!
इस घटना में घायल एक गर्भवती महिला रीना ने बताया कि उसे अपशब्द कहते हुए पुलिसवालों ने उसके साथ मारपीट किया. उसके गर्भ पर खुद सीओ ने मारा है. उन लोगों के मोहल्ले में शौचालय नहीं हैं. वह लोग बाहर जाते हैं. ऐसे में शराब की दुकान पर आए लोग यदि उनके साथ गलत करते हैं, तो इसका जवाबदेह कौन होगा. इसलिए वे लोग शराब की दुकान बंद करवाना चाहते हैं. एक 70 साल की महिला ने भी अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि पुलिस ने उसे जबरदस्ती जीप में बैठा दिया.
आगे की कार्रवाही पर क्या बोले विधायक?
आगे कार्रवाही पर विधायक ने कहा, 'हमारी दो मांगे थी, जिसे एसपी सिटी ने पूरा कर दिया. शराब की दgकान बंद करा दी गई. लोगों को रिहा कर दिया गया. सीओ ने यदि अपनी गलती मान ली होती, तो सारा मामला खत्म हो जाता. सीओ प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए फेसबुक पोस्ट लिखा है. इस पर खुद डीजीपी को संज्ञान लेना चाहिए. सूबे में बीजेपी की सरकार है. गोरखपुर से ही सीएम है. उनके पास पल-पल की खबर है. मुझे आशा है कि उनकी तरफ से आवश्यक कार्रवाही जरूर होगी. मैं गलत के खिलाफ संघर्ष करता रहूंगा.
फेसबुक पर महिला आईपीएस ने क्या लिखा?
महिला आईपीएस अफसर चारू निगम ने फेसबुक पर अपने दिल की बात लिखी...
मेरे आंसुओं को मेरी कमज़ोरी न समझना,
कठोरता से नहीं कोमलता से अश्क झलक गये
महिला अधिकारी हूं तुम्हारा गुरूर न देख पायेगा,
सच्चाई में है ज़ोर इतना अपना रंग दिखलाएगा