जिस 'बॉयज लॉकर रूम' ग्रुप को लेकर इतना बवाल हुआ कि उसमें गैंगरेप करने की बात चल रही थी, दरअसल वो गलत निकली. यानी कि जिस चैट को लेकर सबसे अधिक हंगामा हुआ वो 'बॉयज लॉकर रूम' ग्रुप का था ही नहीं. जांच अधिकारी को जानकारी मिली है कि ये चैट एक दूसरी आईडी से की गई थी, जिसे चलाने वाली एक नाबालिग लड़की है. वो लड़के के नाम से फर्जी आईडी बनाकर किसी दूसरे लड़के से बात कर रही थी.
ये चैट मार्च महीने की है, जो सिर्फ दो लोगों के बीच हुई थी. यह बातचीत किसी ग्रुप में नहीं की गई थी. गलती से यह स्क्रीन शॉट 'बॉयज लॉकर रूम' में की गई बातचीत के नाम से वायरल हो गया था.
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जांच अधिकारी ने जब मामले की पड़ताल की तो पता चला कि 'बॉयज लॉकर रूम' में गैंगरेप करने की कोई बातचीत नहीं हुई थी. अब सवाल उठता है कि नाबालिग लड़की फर्जी आईडी बनाकर दूसरे लड़के से गैंगरेप वाली बातचीत क्यों कर रही थी?
अधिकारियों ने बताया कि यह लड़की फर्जी आईडी बनाकर दूसरे लड़के का चरित्र जानना चाहती थी. इसलिए उसने जानबूझकर उससे इस तरह की गंदी बातचीत की. लेकिन जब 'बॉयज लॉकर रूम' की बातचीत वायरल हुई तो इन दोनों की बातचीत भी साथ में वायरल हो गई.
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इस मामले में ग्रुप एडमिन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. पुलिस ने एक नाबालिग को भी पकड़ा है. इसके अलावा साइबर सेल ने एक दर्जन छात्रों से पूछताछ भी की.
साइबर सेल ने उनके बारे में इंस्टाग्राम से और तकनीकी आधार पर कुछ जानकारी हासिल की, जिसके बाद कुछ छात्रों से पूछताछ की गई.
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साइबर सेल की माने तो ब्वॉयज लॉकर रूम ग्रुप से जुड़े कुल 27 सदस्यों में से कुछ ने कहा कि उन्होंने ग्रुप में कोई अभद्र और अश्लील टिप्पणी नहीं की है. वो चैट का हिस्सा भी नहीं रहे.