एक 'मिस्ड कॉल' ने एक परिवार को उनका खोया हुआ बच्चा मिला दिया. दरअसल, दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में रहने वाला 14 साल का किशोर एक साल पहले लापता हो गया था. पुलिस और घरवालों ने उसे खूब तलाशा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
पिछले महीने किशोर के पिता के मोबाइल पर एक मिस्ड कॉल क्या आई, पुलिस के चेहरे पर चमक आ गई. ये कॉल जम्मू-कश्मीर से हुई थी, जहां से किशोर की फैमिली का कोई ताल्लुक नहीं है. इसलिए क्राइम ब्रांच ने उस नंबर को गंभीरता से लिया.
ज्वाइंट सीपी रवींद्र यादव के अनुसार, पुलिस ने सर्विलांस पर फोकस किया तो किशोर का पता मिल गया. बच्चे ने बताया कि उसने पढ़ाई से घबराकर घर छोड़ा था. वेष्णो देवी दर्शन करने गया था. रास्ते में लंगर से खाना खाता रहा.
जम्मू-कश्मीर जाकर उसे लगा कि घर लौटने पर पिता बहुत नाराज होंगे, इसलिए वहीं रह गया. भूखा-प्यासा भटक रहा था. उसी दौरान वैष्णो देवी मार्ग पर खच्चर चलाने वाले कैलाश की नजर उस पर पड़ी. उसने समझ लिया किशोर घर से भागा है.
पुलिस के अनुसार, खच्चर वाले की 7 बेटिया हैं, लेकिन बेटा एक नहीं है. इसलिए उसने उस किशोर को अपने बेटे की तरह रखा था. करीब एक महीने पहले किशोर ने घर का नंबर डायल करके देखा, लेकिन रिंग होते ही काट दिया.
इसी सुराग के जरिए पुलिस उस तक पहुंच गई. क्राइम ब्रांच के अनुसार, ये किशोर 28 अगस्त 2015 को शाहबाद डेयरी इलाके से लापता हुआ था. उसने खच्चर वाले के खिलाफ किसी तरह के शिकायत दर्ज नहीं कराई है.