झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के ठकुरा गांव में एक अंधविश्वासी युवक ने जाटू-टोने के चक्कर में अपने ही भाई-भाभी को मौत की नींद सुला दिया. उसने अपने भतीजे के साथ मिलकर डायन के संदेह में बड़े भाई और भाभी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी. 24 घंटे तक दोनों के शव को घर में ही रखे रहा. अगले दिन झाड़ियों में फेंक दिया.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, 30 वर्षीय शारदा चम्पिया ने अपने भतीजे 15 वर्षीय प्रधान चम्पिया के साथ मिलकर बड़े भाई 50 वर्षीय सुखराम चम्पिया और 45 वर्षीय प्यारी चम्पिया की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी. यह वारदात रविवार की शाम की है. शारदा चम्पिया ने बताया कि एक सप्ताह पहले उसके बेटे की बीमारी से मौत हो गई थी.
बेटे की मौत के बाद ग्रामीणों ने बताया कि उसकी भाभी डायन है. उसी के कारण उसके बेटे की मौत हुई है. इसके बाद रविवार को घर में झगड़ा हुआ. गुस्से में उसने भाभी की हत्या कर दी. भाभी की हत्या करने के बाद बीच-बचाव कर रहे उसके पति सुखराम की भी हत्या कर दी. आरोपियों ने हत्या करने के बाद शव को घर में ही पूरे दिन रखा.
सोमवार रात को जाकर शव को घर से आधे किलोमीटर दूर खेत में फेंक आया. शव फेंकने से पहले दोनों आरोपियों ने गांव वालों को हत्या करने की बात बता दी. इसके बाद गांव के लोगों ने पुलिस को सूचित कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
बताते चलें कि झारखंड की तरह राजस्थान में भी जादू-टोना और इससे जुड़े अंध-विश्वास ने न जाने कितनों लोगों की जान ले ली हैं. बीते महीने यहां एक महिला पर डायन होने का आरोप लगा और फिर उसे पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. शरीर में सिहरन पैदा कर देने वाली यह घटना राजस्थान के अजमेर जिले के केकड़ी थाना क्षेत्र में घटी.
मृतका का नाम कलादेवी था. उसके पति की मौत हो गई थी. इसके बाद दकियानुसी अंध-विश्वास पर यकीन रखने वाले रूढ़िवादी लोगों ने कलादेवी को डायन करार दे दिया. उन लोगों ने कलादेवी के साथ जमकर मारपीट की और उसे पीट-पीटकर मार डाला. इसके बाद बिना बताए कलादेवी का अंतिम संस्कार कर दिया गया.