बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे में बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य के पति प्रमोद लोधी का ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में पुलिस ने चालान काटा. आरोप है कि पहले तो लोधी ने खुद ही बीजेपी से जुड़ा बता कर रौब झाड़ना चाहा. फिर बात गाली गलौज और हाथापाई तक पहुंच गई. इसके बाद पुलिस ने बाइक सीज कर प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया. प्रमोद पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया गया.
इसके बाद जब प्रमोद को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया तो वहां बड़ी संख्या में बीजेपी नेता के समर्थक एकत्र हो गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान पीपीएस अधिकारी और स्याना की सर्किल ऑफिसर श्रेष्ठा सिंह से उनकी जमकर तकरार हुई. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने वालों का आरोप था कि बीजेपी से जुड़े ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है और पुलिस ट्रैफिक नियमों के नाम पर घूसखोरी करती है.
सीओ श्रेष्ठा सिंह ने इन आरोपों को गलत बताया. साथ ही कहा कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा, सरकारी कामकाज में बाधा डालेगा और बदसलूकी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी ही. सीओ ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री से लिखवा लाइए कि वाहनों की चेकिंग नहीं करनी है तो ऐसा नहीं किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि प्रमोद लोधी को गुरुवार को बाइक पर घर जाते वक्त ट्रैफिक पुलिस ने रोका. पुलिस का कहना है कि बाइक के कागजात मांगे गए तो प्रमोद की ओर से ताव दिखाया जाने लगा. हाथापाई की नौबत आने पर प्रमोद को सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट परिसर में बीजेपी समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
साथ ही प्रमोद को पुलिस अभिरक्षा से छुड़वा कर स्याना विधायक देवेंद्र लोधी के चैम्बर में लाकर बिठा दिया. विधायक का चैम्बर कोर्ट के गेट के सामने ही था. इस दौरान पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी होती रही. बीजेपी विधायक देवेंद्र लोधी भी चेंबर पर आए और बीच बचाव करते हुए आरोपी प्रमोद को पुलिस के साथ कोर्ट भेज दिया.
इस बीच, प्रमोद लोधी ने आरोप लगाया कि हेलमेट का चालान काटने के बाद पुलिसकर्मी ने बाइक की चाबी देने के नाम पर 500 रुपए की घूस मांगी थी. प्रमोद के मुताबिक जब घूस देने से इनकार किया तो पुलिसकर्मी हाथापाई करने लगे. प्रमोद ने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस उसे फंसाना चाहती है.
इस पूरे प्रकरण पर एसएसपी मुनिराज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को ट्रैफिक पुलिस ने चेकिंग के दौरान हेलमेट ना पहने होने और बाइक पर नंबर प्लेट होने की वजह से रोका. बाइक के कागज नहीं दिखाने पर चालान कर दिया गया. फिर उसने पुलिस से बदसलूकी करने की कोशिश की.
सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. एसएसपी ने इस बात से इनकार किया कि आरोपी को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया गया था. एसएसपी के मुताबिक पुलिस फोर्स पूरे वक्त वहां मौजूद रही. एसओ के समझाने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया.
एसएसपी ने कहा कि कुछ लोगों ने बाद में उनसे मिलकर शिकायत की कि पुलिस ने दुर्व्यवहार किया. एसएसपी ने कहा कि शिकायत की जांच की जाएगी. कौन दोषी है, कौन निर्दोष है, ये देखने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा. एसएसपी मुनिराज ने ये भी साफ किया कि कोर्ट परिसर में जिन लोगों ने नारेबाजी की, वीडियोग्राफी की जांच के बाद उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.