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बुलंदशहर: इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या की FIR में दर्ज है भीड़ की बर्बरता की पूरी कहानी

योगेश राज आदि के नेतृत्व में ही भीड़ ने 1 बजकर 35 मिनट पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने जाम लगाने के साथ-साथ उपद्रव शुरू कर दिया. मौके पर मौजूद एसडीएम स्याना और पुलिस उपाधीक्षक स्याना लगातार भीड़ को लाउड हेलर के माध्यम से समझाते रहे.

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इस पूरी खूनी साजिश के पीछे बजरंग दल के नेता योगेश राज का हाथ है (फोटो- आजतक)
इस पूरी खूनी साजिश के पीछे बजरंग दल के नेता योगेश राज का हाथ है (फोटो- आजतक)

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बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के शक में भड़की हिंसा और बवाल का मुकदमा स्याना थाने के सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद ने वादी के तौर पर दर्ज कराया है. सुभाष ने पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा और बामुश्किल उन्होंने अपनी जान बचाई. 75 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. जिसमें से 28 लोग नामजद हैं. हिंसा का मास्टरमाइंड और बजरंग दल का नेता योगेश राज वारदात के वक्त वहां मौजूद लोगों को भड़का रहा था. इस बात का जिक्र एफआईआर में भी दर्ज है.

एसआई सुभाष चंद की तहरीर पर दर्ज किए गए मुकदमें के मुताबिक 3 दिसंबर 2018 को गांव महाव में गोकशी की सूचना मिलने पर स्याना थाने के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह अपने साथ एसआई सुभाष चंद, हेड कांस्टेबल शीशराम सिंह, वीरेंद्र सिंह, कांस्टेबल अमीर आलम, शैलेद्र, जितेंद्र कुमार, प्रेमपाल, होमगार्ड राजेद्र, प्रेम प्रकाश, दिनेश सिंह और वाहन चालक हेड कांस्टेबल रामआसरे सरकारी टाटा सूमो यूपी13 एजी 0452 से मौके के लिए रवाना हुए.

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वहां गोकशी के शक में जमा भीड़ में योगेश राज, विशाल त्यागी, सतेंद्र राजपूत, चमन, देवेंद्र, उपेंद्र राघव, रवि सैनी, आशीष चौहान, शिखर अग्रवाल, राजकुमार, जीतू, सचिन, रमेश जोगी, विनीत, सौरभ, सुमित, छोटू, सतीश, विकास त्यागी, विक्रान्त त्यागी, बबलू, अंकुर, रोबिन, टिंकू, गुड्डू, हरेंद्र आदि के नेतृत्व में 50-60 महिलाएं और पुरुष जमा थे. वे विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह ने उन्हें काफी समझाया बुझाया. लेकिन वे नहीं मानें. उन्होंने पथराव कर दिया.

इसके बाद योगेश राज आदि के नेतृत्व में ही भीड़ ने 1 बजकर 35 मिनट पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने जाम लगाने के साथ-साथ उपद्रव शुरू कर दिया. मौके पर मौजूद एसडीएम स्याना और पुलिस उपाधीक्षक स्याना लगातार भीड़ को लाउड हेलर के माध्यम से समझाते रहे. मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कहते रहे. कुछ लोगों को स्याना थाने जाकर एफआईआर की कॉपी लेने के लिए भी कहा. लेकिन उसके बावजूद भी भीड़ उग्र हो गई.

उपरोक्त नामित योगेश राज और उसके साथी भीड़ को हिंसा के लिए भड़काते रहे. जिससे भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने अवैध असलाहों, धारदार हथियारों और लाठी डंडों से पुलिस पर जाने से मारने की नीयत से हमला कर दिया. जिसमें प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह को गोली मारकर गंभीर चोट पहुंचाई गई. उन्हें घेरकर उनकी निजी लाईसेंसी पिस्टल और तीन मोबाइल फोन भी छीन लिए. जिनमें से एक में सरकारी सीयूजी सिम कार्ड भी था.

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हमलावर लगातार फायरिंग करते रहे. सरकारी वायरलैस सेट भी तोड़ दिए गए. पुलिस चौकी में आग लगा दी गई. जिसमें सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार की निजी वैगनआर कार, थाने की सरकारी टाटा सूमो कार, क्षेत्राधिकारी की सरकारी टाटा सूमो कार, माल वाहन और सरकारी सामान को आग लगा दी गई. घटनास्थल स्याना-बुलंदशहर लोक मार्ग पर स्थित है. जहां उस वक्त भी लोगों की आवाजाही हो रही थी. लेकिन अभियुक्तों की इस करतूत से वहां कानून व्यवस्था चौपट हो गई. हरतरफ अराजकता का माहौल था.

मौके पर अफरातफरी मच गई. वहां से गुजरने वाले राहगीर रास्ता बदलकर अपनी जान बचाकर भागने लगे. उनके चप्पल, जूते और सामान सब वहीं बिखरे पड़े हैं. घटनास्थल पर अभियुक्तों के लाठी डंडे और ईंट पत्थर भी पड़े हैं. मौके पर सरकारी वाहन धूं-धूं कर जल रहे हैं. क्षेत्राधिकारी स्याना भी अपनी जान बचाने के लिए जब चौकी के कमरे में घुसे तो उग्र भीड़ ने मारो मारो का शोर करते हुए चौकी में आग लगा दी. पुलिस लगातार आत्मरक्षार्थ पीछे हटती जा रही थी. अराजक तत्वों की भीड़ मारो मारो का शोर करते हुए उग्र और आक्रोशित हो रही थी. आगे बढ़ती जा रही थी.

घायल प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह को जब पुलिस वाले उपचार हेतु सरकारी वाहन में बैठाने लगे तो उक्त भीड़ ने फिर भयंकर हमला कर दिया. जिससे सभी पुलिसवालों को गंभीर चोटें आई. सामने कालोनी के लोग अपने घरों के दरवाजे खिड़की बंदकर घरों में छिप गए. उधर, चौकी के कमरे में बंद क्षेत्राधिकारी ने कंट्रोंल रूम से आत्मारक्षार्थ अतिरिक्त फोर्स की मांग की.

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इसके बाद शिकारपुर के क्षेत्राधिकारी मनीष यादव, औरंगाबाद के प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार सिंह, बीबीनगर के थानाध्यक्ष सुभाष सिंह, नरसैना के थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, खानपुर के थानाध्यक्ष सतेंद्र कुमार सिंह और स्वाट टीम के प्रभारी निरीक्षक विवेक शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौक पर पहुंचे. तब चौकी के बंद कमरे का दरवाजा तोड़कर क्षेत्राधिकारी स्याना की जान बचाई गई. गोली लगने से घायल प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह को सीएचसी लखावटी, औरंगाबाद ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

हिंसक भीड़ के हमले में सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद (वादी), सुरेश कुमार, होमगार्ड राजेंद्र सिंह समेत कई पुलिसकर्मी हमले में घायल हो गए. बेकाबू और अराजक भीड़ को तीतर बितर करने के लिए उच्च अधिकारियों के निर्देशन में हल्का बल प्रयोग किया गया. इस दौरान आत्मरक्षार्थ होमगार्ड राजेंद्र ने अपनी राइफल से एक राउंड हवाई फायर किया. इस घटना में शामिल अभियुक्तों के नाम पते आदि शिनाख्त एसआई सुभाष चंद और अन्य पुलिसकर्मी सीसीटीवी फुटेज और वीडियो फुटेज देखकर करेंगे.

एफआईआर कराने के लिए एसआई सुभाष चंद खुद थाने पहुंचे. उन्होंने अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. सब इंस्पेक्टर सुभाष ने तहरीर पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसे थाने के हेड कांस्टेबल अरुण कुमार शर्मा ने प्रमाणित किया है और थाने के कंप्यूटर ऑपरेटर लवली ने तहरीर को टाइप किया है. इस एफआईआर के साथ मुख्य साजिशकर्ता योगेश राज समेत 28 लोगों की नामजद सूची है.

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