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बुलंदशहर हिंसा: प्रशांत के परिवार का आरोप- पुलिस ने खुद रखा घर में मोबाइल

Bulandshahr violence बुलंदशहर हिंसा केस में आरोपी प्रशांट नट के परिवार ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि उसने खुद उनके घर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मोबाइल रखा और बरामद दिखा दिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी प्रशांत (फोटो-आजतक)
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी प्रशांत (फोटो-आजतक)

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बुलंदशहर हिंसा केस में पुलिस ने घटना के करीब दो महीने बाद आरोपी प्रशांत नट के घर से शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह का मोबाइल फोन बरामद करने का दावा किया है. यूपी पुलिस के इस दावे पर प्रशांत के परिवार ने सवाल उठाए हैं और चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं. प्रशांत के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने खुद उनके घर मोबाइल रखकर यह बरामदगी दिखाई और प्रशांत को जबरदस्ती इस केस में फंसाया जा रहा है.

परिवार के दावे से सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशांत को बलि का बकरा बनाया जा रहा है? दरअसल, इसके पीछे बार-बार बदल रही पुलिस की थ्योरी भी है. 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र में हुई हिंसा और इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में पहले पुलिस ने जीतू फौजी को आरोपी बताया था. उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया. हालांकि, फौजी ने घटनास्थल पर मौजूद होने की बात स्वीकारते हुए इंस्पेक्टर की हत्या से इनकार किया.

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इसके बाद प्रशांत नट का नाम चर्चा में आया. स्याना क्षेत्र के चिंगरावठी के रहने वाले प्रशांत नट को पुलिस ने 25 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया और दावा किया कि उसी ने इंस्पेक्टर की हत्या की. हालांकि, पुलिस उससे कोई हथियार बरामद नहीं कर सकी. अब पुलिस ने प्रशांत के घर से इंस्पेक्टर सुबोध का मोबाइल बरामद करने का दावा किया है.

परिवार ने पुलिस थ्योरी को बताया साजिश

पुलिस की इस थ्योरी को प्रशांत नट के परिवार ने खारिज कर दिया है. आजतक से बातचीत में प्रशांत नट की मां मुकेश कुमारी ने कहा है कि पुलिस की टीम हमारे घर में दाखिल हुई. एक पुलिस वाले ने ड्रेसिंग टेबल पर मोबाइल रख दिया और फिर लेडीज पुलिस को बुलाकर कहा कि ये मोबाइल जब्त करो.

मुकेश कुमारी का कहना है कि पुलिस यहां एक महीने से हर दिन आ रही है. घर की तलाशी ले रही है, लेकिन कभी मोबाइल नहीं मिला. उनका आरोप है कि अब पुलिस घर आई और खुद ही मोबाइल रखकर बरामद दिखा दिया. मुकेश कुमारी ने कहा, 'मैंने पुलिस वाले से कहा कि मोबाइल तो आपने खुद रखा तो उन्होंने मुझे डांटते हुए चुप रहने के लिए कहा.' उन्होंने डर जाहिर किया है कि कहीं पुलिस अब उनके घर हथियार रखकर उसे भी बरामद न दिखा दे.

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बता दें कि चिंगरावठी गांव के आखिरी छोर पर नटों के कुछ परिवार रहते हैं जो गरीब है. परिवार वालों का दावा है कि जाट लोग अमीर हैं और पुलिस उनके साथ मिलकर हम गरीबों को फंसा रही है. परिवार का आरोप है कि पुलिस को कोई नहीं मिला तो गरीब के लड़के को फंसा रही है.

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