उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जब बेल पर जेल से बाहर आए तो जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच उनका स्वागत किया गया. इस केस के 6 आरोपियों को लोगों ने फूलों की माला पहनाई और उनके साथ एक-एक कर सेल्फी ली.
बता दें कि पिछले साल तीन दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस दौरान पूरे गांव में जमकर आगजनी और बलवा हुआ था. बदमाशों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. इस मामले में यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर 38 लोगों को जेल भेजा था. 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने के बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले थे.
जय श्री राम के नारे से स्वागत
रिपोर्ट के मुताबिक बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव शनिवार को कोर्ट से जमानत लेकर जैसे ही जेल से बाहर आए, हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाए गए. शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं. जबकि उपेंद्र सिंह राघव अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष हैं. घटना से पहले वह विश्व हिंदू परिषद के विभाग अध्यक्ष रह चुके थे. इस दौरान पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में आरोपियों को फूलों की माला पहनाई जा रही है. कुछ लोग वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं और कुछ लोग आरोपियों के साथ फोटो खिचवा रहे हैं.
5 लोगों पर था हत्या का मुकदमा#WATCH Bulandshahr: Six accused persons in the #BulandshahrViolence case in which Inspector Subodh Kumar was killed last year, were welcomed with garlands after they were released on bail, yesterday. pic.twitter.com/PtuR2eHBsh
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2019
इस घटना की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कर रही थी. मार्च 2019 में यूपी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया. इसमें 38 लोगों को आरोपी बनाया गया. 38 लोगों में से 5 लोगों को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया गया था.
जब सुलग उठा था बुलंदशहर
बुलंदशहर की ये हिंसा तब भड़की थी जब कुछ लोगों ने गोवंश के टुकड़े महाव गांव में पाए थे. इसके बाद गुस्साये 400 लोगों की भीड़ ने चिंगरावटी गांव में खूब हंगामा किया. इन लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दी, पत्थरबाजी की और पुलिस पर कथित तौर पर गोलियां चलाई. घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के अलावा एक और युवक की मौत हो गई थी.
कानून हाथ में लेने वालों का सम्मान क्यों?
इस घटना पर यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि बुलंदशहर केस में हम सभी जानते हैं कि कैसे बीजेपी ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी और अब सत्ताधारी पार्टी के समर्थक आरोपियों का स्वागत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार को ये साफ करना चाहिए कि उनकी पार्टी हमेशा उनका साथ क्यों देती है जो कानून हाथ में लेते हैं?
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने कहा है कि कानून हाथ में लेने वालों को बीजेपी कभी शह नहीं देती है. बीजेपी प्रवक्ता मनोज मिश्रा ने कहा, "हम लोग अपराधियों को कभी साथ नहीं देते हैं, आरोपियों का स्वागत करने वाले पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं, हम नहीं जानते हैं कि किन हालात में जेल के बाहर इनका स्वागत किया गया था, लेकिन बीजेपी से इनका कोई लेना-देना नहीं है."