scorecardresearch
 

बुराड़ी कांडः 5 आत्माओं की हुई पहचान, इनको मुक्ति दिलाना चाहता था ललित

दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौतों के मामले में क्राइम ब्रांच को जो रजिस्टर मिला है, उसमें एक और अहम खुलासा हुआ कि ललित अपने पिता भोपाल सिंह पिता के अलावा चार अन्य लोगों की आत्मा को भी मुक्ति दिलाना चाहता था.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो

Advertisement

दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौतों के मामले में क्राइम ब्रांच को जो रजिस्टर मिला है, उसमें एक और अहम खुलासा हुआ कि ललित अपने पिता भोपाल सिंह पिता के अलावा चार अन्य लोगों की आत्मा को भी मुक्ति दिलाना चाहता था.

रजिस्टर में दावा- भटक रही हैं पांच आत्माएं

19 जुलाई 2015 को रजिस्टर के एक पन्ने में लिखा गया कि अपने सुधार में गति बढ़ा दो. यह भी तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो, पर फिर एक-दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल-मिलाप कर लेते हो. पांच आत्माएं अभी साथ भटक रही हैं.

अगर तुम अपने में सुधार करोगे, तो उन्हें भी गति मिलेगी. तुम तो सोचते होगे कि हरिद्वार जाके सब कुछ कर आएं, तो गति मिल जाएगी.....जैसे मैं इस चीज के लिए भटक रहा हूं.

Advertisement

ऐसे ही टीना के पिता और ललित के ससुर सज्जन सिंह, प्रियंका के पिता हीरा और ललित की बड़ी बहन सुजाता के ससुर दयानंद और सास गंगा देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं. ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे, तो हम अपने वास को लौट जाएंगे.

भाटिया परिवार के रजिस्टर में लिखा कि चेतावनी को नजरअंदाज न करो. झूठी ज़िंदगी न जिओ. बिना कर्म भोगे कभी जीवन आगे नहीं बढ़ता है. इसलिए ऐसी तैयारी करवाता हूं, जिससे कर्म भोग आधा हो जाए और संतुष्टि लायक जीवन जी सको. इंसान दुनिया को बना सकता है और परिवार को बना सकता है, लेकिन दूसरों की नज़र में कोई पर्दा नहीं रहता है.

स्वभाव बदलो और छोटी-छोटी बातों पर विश्वास करो. अभी भी बताई गई बातें पूरी नहीं हो रही है. इसका कारण तुम्हारे मन का दो तरफा होना है. मना करने पर भी ऐसा काम करते हो, जो आगे रुकावट पैदा करता है. आज मकान का काम लेट हो गया है, जिसके लिए तुम सब दोषी हो.

रजिस्टर में लिखे कोड वर्ड

इसके अलावा रजिस्टर में कोड वर्ड लिखे हैं कि सामूहिक एकता और तालमेल का प्रभाव तुमने इस हफ्ते देख लिया है. अगले महीने से पैसा इकट्ठा करना शुरू कर दो. उसमें से कुछ दुकान में डालना है और बाद में नया काम करना है. अगर उससे पहले आता है, तो वही काम करना है, जब तक काम शुरू न हो भुप्पी (बड़ा बेटा) अपना भ्रमण जारी रखे, जो भी नई चीज देखो, उसे लिख लो.

Advertisement

ये भ्रमण हफ्ते में तीन दिन करना जरूरी है, भले ही एक दिन छोड़कर हो. जब तक पांच व्यक्ति पूरे नहीं होते, B+B+L+P+N अपनी बैठक जारी रखेंगे, इसके बाद पांच लोग हो जाएं, तो B+B+L ये करेंगे, P+N छोड़ सकते है. इसके बाद परिवार में या लोगों ने कैसे चर्चा करनी है, इसकी प्रेरणा L को हो जाएगी. तुम लोग अपने कर्तव्यों के प्रति और ज्यादा दृढ़ हो जाओ.

मालूम हो कि दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों की मौत ने पूरे देश को सन्न करके रख दिया था. शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फांसी के फंदे से लटकना बताया गया. घर में 10 लोगों के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले थे, जबकि परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला सदस्य 75 वर्षीय नारायणी की लाश फर्श पर पड़ी मिली थीं.

Advertisement
Advertisement