दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों की मौत के राज से एक-एक कर पर्दा हटने लगा है. इस बीच मामले की जांच पुलिस से क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. अब तक की जांच में पता चला है कि घर के ही तीन सदस्यों ने पहले खुदकुशी की योजना बनाई थी. हालांकि बाद में तीनों व्यक्तियों ने परिवार के शेष सदस्यों की हत्या का फैसला किया. पुलिस को घर के अंदर से एक अधूरा सुसाइड नोट भी मिला है.
सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं तीन सदस्यों ने रात के खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर घर के बाकी सदस्यों को बेहोश कर दिया. उसके बाद सभी के हाथ-पैर बांधे और मुंह पर पट्टी बांधकर उन्हें फांसी के फंदे पर लटका दिया. मुंह पर पट्टी इसलिए बांधी ताकि फांसी पर लटकाते समय अगर कोई सदस्य होश में आ जाए तो शोर न मचा सके.
घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य 75 वर्षीय नारायणा की गला दबाकर हत्या की गई. बुजुर्ग महिला की हत्या के संबंध में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया है. इस बीच परिवार के साथ ही रह रहीं नारायणा की विधवा बेटी 58 वर्षीय प्रतिभा को होश आ गया, जिसके चलते उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई. फिर उन्हें फांसी पर लटका दिया गया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्या की साजिश रचने वाले परिवार के तीन सदस्यों ने सुसाइड नोट लिखने का फैसला किया, हालांकि बाद में उन्होंने सुसाइड नोट लिखने की योजना रद्द कर दी. पुलिस को कागज का एक टुकड़ा मिला है, जिस पर हत्या के बारे में कुछ अधूरा सा लिखा है.
पुलिस ढूंढ रही इन 13 सवालों के जवाब
जांच के लिए पहुंची फोरेंसिक टीम ने घर में तमाम जगहों के फिंगरप्रिंट ले लिए हैं. जांच दल को उम्मीद है कि जिन लोगों ने यह पूरी योजना बनाई, उन्होंने पहले घर के पालतू कुत्ते को छत पर ले जाकर बांध दिया. जांच टीम उम्मीद कर रही है कि कुत्ते के पट्टे और अधूरे सुसाइड नोट पर मिले फिंगरप्रिंट की मदद से पता चल सकेगा कि वास्तव में खुदकुशी और हत्या की यह खौफनाक योजना परिवार के किन सदस्यों ने बनाई थी.
पुलिस ने मृतकों के मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए हैं और अब उनकी कॉल रिकॉर्ड खंगाली जा रही है. उम्मीद है कि इन कॉल डीटेल्स की मदद से वारदात के बारे में अहम जानकारी मिल सकेगी.
फांसी देने से पहले बेहोश किया गया था परिवार
बता दें कि बुराड़ी के संत नगर में गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल के सामने गली नंबर 24 में स्थित एक मकान में रविवार की सुबह एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों की मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. सबसे पहले मृत परिवार के एक पड़ोसी गुरचरण सिंह ने लाशें देखीं, जो दुकान न खुलने के चलते परिवार को देखने घर में घुसे थे. दरअसल मकान का मेन गेट खुला हुआ था.
मृतकों में घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य 75 वर्षीय नारायणा के अलावा नारायण की सबसे बड़ी 60 साल की विधवा बेटी प्रतिभा, प्रतिभा की 30 साल की बेटी प्रियंका, मां नारायण का बड़ा बेटा 46 वर्षीय भूपि, भूपि की पत्नी 42 वर्षीय सविता, भूपि की 24 वर्षीय बेटी नीतू, भूपि की छोटी बेटी 22 वर्षीय मीनू, भूपि का सबसे छोटा बेटा 12 वर्षीय धीरू, मां नारायण का छोटा बेटा 42 वर्षीय ललित, ललित की पत्नी 38 वर्षीय टीना, ललित का 12 साल का एक बेटा शामिल है.