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बिहार: शोरूम बंद कर घर लौट रहे व्यवसायी की गोली मारकर हत्या

बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार की रात बदमाशों ने एक व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने उसके बेटे को भी निशाना बनाना चाहा, लेकिन वह बाल-बाल बच गया. वारदात की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

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बिहार की राजधानी पटना में हुई वारदात
बिहार की राजधानी पटना में हुई वारदात

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बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार की रात बदमाशों ने एक व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने उसके बेटे को भी निशाना बनाना चाहा, लेकिन वह बाल-बाल बच गया. वारदात की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि व्यवसायी जितेंद्र गांधी (43) पटना के आशियाना मोड़ के पास 'खदिम शो रूम' बंद करके अपने बेटे के साथ बाइक पर सवार होकर फुलवारी के पेठिया मुहल्ले स्थित अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान पटना हवाई अड्डा थाना क्षेत्र के संजय गांधी डेयरी संस्थान के पास बदमाशों ने घेर लिया.

बताया जाता है कि दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार बदमाशों ने व्यवसायी की बाइक को घेर कर गोलियां चलाई. इसके बाद व्यवसायी के बेटे ने लाइसेंसी पिस्तौल से बदमाशों पर गोलीबारी की, जिसके बाद वे फरार हो गए. लोगों की मदद से घायल जितेंद्र गांधी को एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

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मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके परिवार की किसी से कोई पुरानी रंजिश भी नहीं है और ना ही कोई धमकी मिली या रंगदारी की मांग की गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.

बताते चलें कि इसी साल मई में पटना के फतुहा थाना इलाके के रहने वाले प्याज व्यवसायी और राजद नेता पप्पू यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि एमएलसी प्रत्याशी रहे पप्पू सुबह टहलने के लिए घर निकले हुए थे. उसी वक्त अज्ञात बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं, जिससे उनकी मौत हो गई.

मृतक के परिजन अजय यादव ने कहा था कि पूरे बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. नीतीश कुमार का सुशासन अब खत्म हो गया है. पुलिस पर से उनका अंकुश खत्म हो गया है. एक ही इलाके में चार-चार साल से डीएसपी और थाने के अधिकारी तैनात हैं. उसकी वजह से अपराधियों के साथ सांठगांठ बना हुआ है. अपराधी बेलगाम हैं.

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