आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी मर्डर केस के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आदर्श रोड बिल्डर्स (आईआरबी) अधिकारियों के शीर्ष प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी है. 2010 में महाराष्ट्र के तालेगांव में सतीश शेट्टी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
आजतक को मिली जानकारी के अनुसार, 13 अप्रैल को सीबीआई ने एक वित्तीय रिपोर्ट कोर्ट में दायर की थी. इसमें कहा गया है कि इस मामले में किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. इन घटनाक्रमों ने आईआरबी के शीर्ष प्रबंधन को स्पष्ट रूप से क्लीन चिट दे दी है.
पिछले साल दिसंबर में सीबीआई ने विशेष सीबीआई अदालत में 2000 पेज का आरोप पत्र दायर किया था. इसमें आईआरबी के प्रबंध निदेशक विरेंद्र म्हसाकर, किसानों और जमीन खरीदने के एजेंट, आईआरबी के अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था.
सीबीआई का केस आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने लोनावाला जमीन हथियाने के मामले पर प्रकाश डाला था. आरटीआई के आधार पर, शेट्टी ने आईआरबी अधिकारियों सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
उन्होंने लोनावाला पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जालसाजी का मामला दायर किया था. शिकायत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद सतीश शेट्टी की उसके घर के निकट हत्या कर दी गई थी. आरोप लगा था की जमीन घोटाले को सामने लाने की वजह से उनकी हत्या करवाई गई थी.