दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येन्द्र जैन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सोमवार को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में सीबीआई ने जैन के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की. गृह मंत्रालय ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामले में सीबीआई को मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है. सीबीआई ने पाया है कि सत्येंद्र जैन की संपत्ति उनकी आय से 217 फीसदी ज्यादा है.
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई को साजिश करार दिया है. केजरीवाल ने कहा, मोदी जी ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने की स्कीम बनाने के जुर्म में सत्येन्द्र जैन पर ये केस किया है. इन काॅलोनियों में रहने वाली जनता इस बार मोदी जी को जवाब देगी.
सोमवार को कोर्ट में सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में आप के मंत्री सत्येन्द्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन और कारोबारी सहयोगियों को भी आरोपी बनाया गया है. इन कारोबारी सहयोगियों में अजीत प्रसाद जैन, वैभव जैन, सुनील जैन, और आयुष जैन का नाम है.
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन पेशे से आर्किटेक्ट है. सत्येंद्र जैन ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर जेजे आइडियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी खोली.
सीबीआई की अब तक की जांच बताती है कि सचिन जैन और उनकी परिवार का इन्ना कंपनी प्रयास इंफो प्राइवेट लिमिटेड और मंगला यतन प्रोजेक्ट, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों में भी हिस्सा है.
सत्येंद्र जैन इन तीनों कंपनियों के डायरेक्टर भी रहे, लेकिन 2013 में चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन सत्येंद्र जैन का परिवार का इन तीनों कंपनियों में दखल बराबर बरकरार रहा. परिवार के बाकी लोग इन कंपनियों में शेयर होल्डर बने रहे.
सीबीआई की जांच के मुताबिक, प्रयास मंगलयतन और एके जैसी कंपनियों ने कोलकाता की शेल कंपनियों से करीब एक करोड़ 53 लाख रुपए लिए. उसके बाद सत्येंद्र जैन और वैभव जैन ने पैसे को कोलकाता के हवाला कारोबारी राजेंद्र बंसल के पास 2016 में भेज दिया.
सीबीआई की जांच बताती है कि सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन सभी कंपनियों में पूरी तरह से सक्रिय थी और सत्येंद्र जैन के नाम से जो भी शेयर थे, वह सभी उनकी पत्नी के नाम ट्रांसफर कर दिए गए.
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह बताने की कोशिश की है कि भले ही कागजों में सत्येंद्र जैन ने इन कंपनियों से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन अपनी पत्नी के जरिये इन सभी कंपनियों पर पूरी तरह से सत्येंद्र जैन का कंट्रोल था.
सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला सत्येंद्र जैन पर दर्ज करने के बाद चार अलग-अलग जगहों पर छापा मारा था, जिसमें सत्येंद्र जैन का घर कंपनी ऑफिस भी शामिल थे. छापे के दौरान ही यह पता चला था कि कंपनी के ऑफिस एड्रेस पर कोई स्टाफ काम ही नहीं करता.