कॉरपोरेट अफेयर मंत्रालय के पूर्व डीजी बीके बंसल द्वारा लगाये गये उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में सीबीआई अपने डीआईजी संजीव गौतम और उनकी टीम के सदस्यों से जल्द स्पष्टीकरण मांगेगी. एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में गठित तथ्यान्वेषी समिति बंसल द्वारा लगाये गये मानवाधिकार हनन के आरोपों की पड़ताल कर रही है.
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे बंसल ने 27 सितंबर को अपने बेटे के साथ खुदकुशी कर ली थी. इससे करीब दो महीने पहले ही उनकी पत्नी और बेटी ने ऐसा ही भयावह कदम उठाया था. बंसल ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि गौतम और उनकी टीम के सदस्यों ने उनकी पत्नी और बेटी को प्रताड़ित किया, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली.
वहीं दिल्ली महिला आयोग ने बीके बंसल के सुसाइड नोट पर 30 सितंबर को दिए दिल्ली पुलिस के जवाब से नाराजगी जताई है. आयोग के मुताबिक 15 दिन गुजर जाने के बावजूद पुलिस ने पूछे गए सवालों के संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिए. आयोग ने पूर्वी जिले के डिप्टी कमिश्नर ऋषि पाल को 25 अक्टूबर को 4 बजे महिला आयोग के दफ्तर में पेश होने का समन दिया है.
बताते चलें कि बीके बंसल का बेटा योगेश अपने रिश्तेदारों के साथ हिसार में रहता था. पिता को जमानत मिलने के बाद वह दिल्ली आ गया था. योगेश प्रोपर्टी का काम करता था. दो हफ्ते पहले ही बीके बंसल और उनका बेटा वापस अपने उसी फ्लैट में रहने आए थे, जहां वे परिवार के साथ 2004 से रह रहे थे.
पुलिस के मुताबिक बीके बंसल ने घटना की शाम 6 बजे अपने पंडित को घर बुलाया था. पंडित को दो हजार रुपये देते हुए कहा था कि वे 10-15 दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं. बंसल नेसीबीआई में मामला दर्ज होने के बाद पंडित से कोई पूजा कराई थी. आत्महत्या की वारदात से पहले बंसल से मिलने वाले आखरी शख्स वो पुजारी ही थे.
डीसीपी ऋषि पाल ने बताया था कि दो अलग-अलग सुसाइड नोट के चार सेट मिले थे. बीके बंसल ने 5 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, जबकि 2 पेज का उनके बेटे योगेश ने लिखा था. दोनों ने कई सीबीआई अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपनी संपत्ति के बारे में भी कुछ नहीं लिखा है कि यह किसे जायेगी.