सीबीएसई पेपर लीक मामले में पुलिस की मेहनत रंग ला रही है. जिसके चलते क्राइम ब्रांच ने 40 ऐसे मोबाइल नंबर स्कैन कर लिए हैं, जिन पर लीक पेपर भेजा गया था. सबसे अहम बात ये कि हिरासत में लिए गए कोचिंग संचालक विक्की ने पूछताछ में बताया कि उसे पेपर एक छात्र ने दिखाया था.
पेपर लीक मामले में नया खुलासा हुआ है. पुलिस हिरासत में विद्या कोचिंग सेंटर के संचालक विक्की ने पूछताछ में बताया कि किसी छात्र ने उसे यह पेपर दिखाया था. जिससे साफ पता चल रहा है कि विक्की इस केस का मास्टरमाइंड नहीं है. अभी तक पुलिस उसी को इस मामले का मास्टर माइंड मानकर चल रही थी.
विक्की ने पूछताछ के दौरान बताया कि दूसरा लीक पेपर भी एक स्टूडेंट के जरिए ही उसके पास आया था. विक्की ने बताया कि जब उसके पास पेपर आया तो उसने भी दूसरे स्टूडेंट्स को कहा था कि पेपर के हिसाब से पढ़ाई कर लें.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ. राम गोपाल नाईक 12वीं पेपर लीक मामले की जांच कर रहे हैं, वहीं डीसीपी जॉय टर्की 10वीं के पेपर लीक केस की छानबीन कर रहे हैं. 10वीं के लीक पेपर मामले की जांच के बीच पुलिस को पता चला है कि करीब दो दर्जन से ज्यादा सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों के पास व्हाट्सएप के जरिए पेपर आया था.
अब क्राइम ब्रांच उन तमाम बच्चों से यह जानने की कोशिश कर रही है कि उनके पास ये पेपर कहां से आया. बच्चे क्राइम ब्रांच को बता रहे हैं कि उन्हें एक दूसरे क्लास मेट और फ्रेंड्स के जरिये ये पेपर मिला था. मामले की जांच तेजी से की जा रही है.