छत्तीसगढ़ में अश्लील सीडी के मामले में फंसे पत्रकार विनोद वर्मा के वकील ने जमानत के लिए अब सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले रायपुर की निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. फिलहाल विनोद 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं.
पुलिस ने डर्टी सीडीकांड को लेकर दिल्ली के पत्रकार विनोद वर्मा से पूछताछ पूरी कर ली है. लेकिन पुलिस को अंदेशा कि उन्हें जमानत देने से मामले की विवेचना प्रभावित हो सकती है. पुलिस की दलील है कि कांग्रेस पार्टी के सहयोग से विनोद इस मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित भी कर सकते हैं.
निचली अदालत ने पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत यह कहकर रद्द कर दी थी कि उनके खिलाफ दर्ज मामला संगीन है. दो लाइन के फैसले में जज भावेश कुमार वट्टी ने लिखा था कि प्रकरण की प्रकृति गंभीर है. इसलिए जमानत देना उचित नहीं. इस फैसले से बचाव पक्ष मायूस हुआ, लेकिन उसने ठोस तरीके से फिर सेशन कोर्ट में याचिका लगा दी.
इस याचिका को सेशन कोर्ट ने मंगलवार को मंजूर कर लिया. उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को इस याचिका पर फिर से सुनवाई होगी. या फिर अदालत इसके लिए अगली तारीख तय कर सकती है. हालांकि, सरकारी पक्ष ने पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत का विरोध करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.