छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में घरों की छत पर मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर बड़ी ठगी का मामला सामने आया है. शातिर ठगों ने कई लोगों को बतौर किराया एक लाख रूपये प्रति माह कमाने का लालच दिया और बाद में उनके साथ लाखों की ठगी को अंजाम दिया. पुलिस ने दिल्ली से दो ठगों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक शातिर ठगों की कंपनी ने बाकायदा राजनांदगांव के अखबारों में टॉवर लगाने के लिए विज्ञापन निकाला. विज्ञापन देखकर सैकड़ों लोग इनके झांसे में आ गए. कई लोगों ने टॉवर लगवाने के लिए तीन लाख रूपये अमानत राशि और अपने घरों के दस्तावेज कंपनी को सौंप दिए.
इसके बाद कंपनी के लोगों ने भरोसा दिलाने के लिए कई आवेदकों के घरों पर जाकर सर्वे भी किया था. मगर बड़ी रकम जमा हो जाने के बाद फर्जी कंपनी के कर्ताधर्ता शहर से नौ दो ग्यारह हो गए. इस दौरान कई किसान भी धोखाधड़ी का शिकार हो गए, जो अपने खेतों में टॉवर लगवाने के नाम पर लाखों रूपये दे चुके थे.
लंबा अरसा बीत जाने पर भी जब किसी के घर और खेत पर टॉवर नहीं लगा और जमा रकम भी वापस नहीं मिली तो पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. कंपनी का पता ठिकाना दिल्ली का था. जो कि जांच में फर्जी निकला. ठगों ने कुछ मोबाइल नंबरो का इस्तेमाल किया था, जो दिल्ली के ही थे. लिहाजा पुलिस ने उन नंबरों के सहारे दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके से दो शातिर ठगों को धर दबोचा.
पुलिस के मुताबिक इस ठगी का मास्टर माइंड कंपनी का डायरेक्टर 28 वर्षीय कौशल किशोर दिल्ली में काल सेंटर चलाता है. जांच के दौरान उसके खातों में करोड़ों रूपये का ट्रान्जेक्शन मिला है. उसके 27 वर्षीय साथी रवि कुमार उर्फ़ संदीप को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने आरोपियों के पास 15 लाख की एक नई एसयूवी कार, बड़ी संख्या में अलग अलग सिम कार्ड, फर्जी पेनकार्ड और आईडी कार्ड बरामद किए है. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी खुद को एक निजी मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताकर एक साल से लोगों को ठग रहे थे. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.