छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में लाखों रुपये के इनामी पांच नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें दो नक्सली कमांडर भी शामिल है.
नारायणपुर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालय में पांच इनामी नक्सलियों विलास उर्फ भगत कोवाची, मानसिंह उर्फ मुलसिंह, अजय उर्फ धनंजय ध्रुवा, रसिया पद्दा और सन्नु ध्रुवा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.
पुलिस के मुताबिक सरेंडर करने वाले अजय उर्फ धनंजय ध्रुवा पर आठ लाख, विलास उर्फ भगत पर तीन लाख और मानसिंह के सिर पर एक लाख रूपये का ईनाम घोषित था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सली विलास माओवादी संगठन की 17 नंबर प्लाटून के 'ए' सेक्शन का कमांडर था.
विलास वर्ष 2005 में संगठन में भर्ती हुआ था. उसने 2008 तक गांव में बाल संगठन सदस्य के रूप में कार्य किया था. विलास पर कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है.
इसी तरह से मानसिंह वर्ष 1996 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. वह परतापुर एरिया कमेटी के सदस्य रूप में कार्य कर रहा था.
जबकि अजय माओवादी संगठन के कंपनी नंबर पांच में एक नंबर प्लाटून का 'सी' सेक्शन कमांडर रहा है. वह वर्ष 2006 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. इस पर वर्ष 2009 में धमतरी जिले में नक्सली घटना में शामिल होने का आरोप है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की गलत और हिंसात्मक नीतियों से तंग आकर और शासन की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला किया है.