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छत्तीसगढ़ में गृह उद्योग की तरह फ़ैल रहा नकली नोटों का धंधा

दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक आरोपी साल भर पहले एक आपराधिक मामले में बलौदाबाजार की जिला जेल में बंद था. वहां उसने एक कैदी से नकली नोट छापने और उसे खपाने की तरकीब का पता चला था. जब उसकी रिहाई हुई तो उसने अपने तमाम काम छोड़ नकली नोटों की प्रिंटिंग करना शुरू कर दिया.

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पुलिस इससे पहले भी दो जिलों में ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश कर चुकी है
पुलिस इससे पहले भी दो जिलों में ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश कर चुकी है

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर और दुर्ग जिले के बाद अब महासमुंद में भी नकली नोटों के बड़े कारोबार का गोरखधंधा सामने आया है. पुलिस ने सात लाख सैंतीस हजार पांच सौ रुपये की नकली करेंसी जब्त की है. नोटों के साथ पुलिस ने 7 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने इनके पास से एक वैन भी बरामद की है, इसके अलावा पुलिस को एक स्कैनर, प्रिंटर समेत लगभग छह लाख इकत्तीस हजार का सामान भी मौके से कब्जे में लिया है. दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक शख्स साल भर पहले एक आपराधिक मामले में बलौदाबाजार की जिला जेल में बंद था.

वहां उसने एक कैदी से नकली नोट छापने और उसे खपाने की तरकीब सीखी थी. जेल से रिहा होने के बाद उसने अपने तमाम काम छोड़ नकली नोटों की प्रिंटिंग करना शुरू कर दिया.

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अब महासमुंद में पुलिस ने नकली नोटों का कारोबार करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग पचास हजार के असली नोटों के बदले में एक लाख रुपये दिया करते थे. इसके साथ ये लोग नोटों की असलियत की गारंटी भी देते थे. नकली नोट खपाने वालों को इस बात का भरोसा दिया जाता था कि असली और नकली नोटों का भेद उन्होंने खत्म कर दिया है. जांच परख में नकली नोट एक दम असली नजर आएगा.

दरअसल, नकली नोट के निर्माताओं ने उत्तम दर्जे का कागज और महंगी स्याही का उपयोग कर अपने इस कारोबार को प्रदेश के हर जिलों तक पहुंचा दिया था. ये लोग सौ रुपये से लेकर दो हजार रुपयों तक के नए नोट छापते थे. पिछले एक डेढ़ सालों में रंग बिरंगी नई करेंसी बाजार में आई है.

लिहाजा, आरोपियों ने नयी मुद्रा को छापने में बिल्कुल भी कोताही नहीं बरती. नए नोटों से अभी भी लोग भलीभांति परिचित नहीं है, इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया और नकली करेंसी को खपाने के लिए पेट्रोल पम्प, भीड़ भाड़ वाले इलाकों की दुकानें और मुख्य बाजारों का सहारा लिया.

आरोपी अपने ग्राहकों को मारुती वैन से नकली नोटों की खेप पहुंचाते थे. पुलिस के मुताबिक मारुती वैन में लाखों की नगदी की अफरा-तफरी होती थी. क्राइम ब्रांच की टीम ने उस वैन को अपने कब्जे में ले लिया है.

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महासमुंद के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के मुताबिक एक गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को शहर के मुख्य बाजार से पकड़ा. उस वक्त आरोपी वाहन में रखे माल को अपने पॉइंटर को सौपनें की तैयारी में था. पुलिस को शक था कि पॉइंटर सचेत हो गया है और वो मौके पर आने से कतरा रहा है.

संतोष सिंह के मुताबिक नकली नोट के कारोबार के सिलसिले में गौतम कुमार, मनमोहन दास, कृष्ण कुमार और चमरू पटेल की मुख्य भूमिका है. फिलहाल पुलिस पॉइंटरों की तलाश में जुटी है.  

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