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छत्तीसगढ़: धर्मस्थल में मिला बंदर का कटा सिर, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की आशंका

पूजा स्थल के बाहर बंदर का कटा सिर देख हंगामा उठ खड़ा हुआ. मंदिर में काफी भीड़ जुट गई. खूब हो-हंगामा होने लगा. हालांकि लोगों ने समझदारी दिखाई और मामला पुलिस को सौंप दिया.

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आरंग का प्राचीन दुर्गा मंदिर
आरंग का प्राचीन दुर्गा मंदिर

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छत्तीसगढ़ के आरंग में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की असफल कोशिश का मामला सामने आया है. राजधानी रायपुर से सटे आरंग में स्थित एक प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर में अज्ञात आसामाजिक तत्वों ने बंदर का कटा सिर फेंक दिया. पुलिस ने घटना के पीछे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की आशंका जताई है और आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.

रायपुर से 30 किलोमीटर दूर स्थित आरंग में मंगलवार की सुबह जब श्रद्धालु पूजा-अर्चना और दर्शन करने इस मंदिर पहुंचे तो मंदिर के अंदर बंदर का कटा सिर देख हंगामा उठ खड़ा हुआ. मंदिर में काफी भीड़ जुट गई. खूब हो-हंगामा होने लगा.

दरअसल बंदर का सिर कागज में लपेटा हुआ था और मंदिर के सामने फेंका हुआ था. बंदर के शरीर का शेष हिस्सा नहीं मिला है. हालांकि लोगों ने समझदारी दिखाई और मामला पुलिस को सौंप दिया. मामले की संवेदनशीलता देखते हुए तत्काल पुलिस बल आरंग पहुंचा.

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पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज कर लिया है. इस सिलसिले में संदेही, धमतरी और आरंग के तीन लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस ने बताया कि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से खास कामयाबी नहीं मिल सकी है. पुलिस ने प्रथम दृष्टया इस घटना के पीछे सुनियोजित सांप्रदायिक रंग दिए जाने की आशंका जाहिर की है.

आरंग के ही रहने वाले अविनाश साहू ने स्थानीय महामाया पारा स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के परिसर में बंदर का कटा सिर फेंके जाने की शिकायत दर्ज कराई है. सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की आशंका के बीच घटना की असली मंशा पता लगाने में जुटी हुई है.

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