दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुए मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है. उनको 18 मई शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है, ताकि उनका पक्ष जान सके, जिससे कि इस मामले में स्थिति और साफ हो सके.
जानकारी के मुताबिक, मुख्य सचिव से मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस पहले ही कई विधायकों से पूछताछ कर चुकी है. इस सिलसिले में पुलिस ने दो विधायकों अमानतुल्ला और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा कई अधिकारियों से भी पूछताछ की जा चुकी है. अब पुलिस मुख्यमंत्री से उनकी राय जानना चाहती है.
बताते चलें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश 19 फरवरी की देर रात एक बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर गए थे. आरोप है कि केजरीवाल के सामने AAP विधायकों ने उनके साथ मारपीट की थी. मेडिकल रिपोर्ट में भी मुख्य सचिव से मारपीट की पुष्टि हुई थी. यह मामला PMO तक पहुंचा था. IAS एसोसिएशन ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी.
केजरीवाल के घर पर हुए हंगामे के दौरान वहां मौजूद रहे पूर्व विधायक संजीव झा ने मुख्य सचिव के आरोपों को गलत बताया था. उनका कहना था कि महज 3 मिनट में उनके साथ मारपीट कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि राशन के मसले पर चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन बातचीत सुनने की बजाए चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि वह उनके प्रति जवाबदेह नहीं हैं.
इसके बाद गरमागरम बहस शुरू हो हुई और वह एलजी का हवाला देकर चले गए. उनके आने से पहले सभी विधायक आराम से बैठकर बात कर रहे थे. पहले से सभी विधायक कमरे में मौजूद थे. यह बैठक ड्राइंग रूम में हुई थी. वहां शायद सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ है. दोनों पक्षों की ओर से बढ़ते विवाद को देखते विधायकों ने मुख्य सचिव के सामने हाथ भी जोड़े थे.
पूर्व विधायक संजीव झा ने बताया कि मुख्य सचिव के गेट से अंदर आने और बाहर जाने में महज 5 मिनट का अंतर है. उनका कहना है कि विज्ञापन वाले मुद्दे पर बहस हुई और फिर महज 3 मिनट में इतना सब कुछ कैसे हो सकता है. उन्होंने बताया कि पार्टी के पूर्व विधायक नितिन त्यागी गेट तक उनसे माफी मांगने भी आए, लेकिन मारपीट जैसा कुछ भी नहीं था.
इससे पहले यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया था. आम आदमी पार्टी विधायकों के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद अंशु प्रकाश ने प्रधानमंत्री कार्यालय में मीटिंग के दौरान अपना पक्ष रखा था. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की बात सामने आई थी. इसके बाद वो मीटिंग के लिए पीएमओ पहुंचे थे. वहां भी उन्होंने अपनी बात रखी थी.