scorecardresearch
 

NCRB: अप्राकृतिक यौन शोषण के तहत दर्ज मामलों में 60 फीसदी पीड़ित मासूम

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में धारा 377 के तहत दर्ज कुल मामलों में 60 फीसदी पीड़ित बच्चे थे. साल 2015 में पूरे देश में कुल 1347 केस दर्ज किए गए, जिनमें 814 मामलों में पीड़ित बच्चे थे. इसी साल में पॉस्को कानून की धारा 4 और 6 के तहत कुल 8800 केस दर्ज किए गए हैं.

Advertisement
X
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए आंकड़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए आंकड़े

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में धारा 377 के तहत दर्ज कुल मामलों में 60 फीसदी पीड़ित बच्चे थे. साल 2015 में पूरे देश में कुल 1347 केस दर्ज किए गए, जिनमें 814 मामलों में पीड़ित बच्चे थे. इसी साल में पॉस्को कानून की धारा 4 और 6 के तहत कुल 8800 केस दर्ज किए गए हैं.

धारा 377 के तहत दर्ज केस

Advertisement
  • उत्तर प्रदेश- 239
  • महाराष्ट्र- 159
  • केरल- 159
  • हरियाणा- 111
  • पंजाब- 81

पीड़ित बच्चों के मामले
  • उत्तर प्रदेश- 179
  • केरल- 142
  • महाराष्ट्र- 116
  • हरियाणा- 63

पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज केस
  • उत्तर प्रदेश- 1440
  • गुजरात- 1115
  • कर्नाटक- 1073
  • पश्चिम बंगाल- 10006

इससे पहले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2015 के क्राइम के आंकड़े जारी किए थे. इस में लूट, चोरी, अपहरण की सर्वाधिक वारदात दिल्ली में हुई है. रेप के मामले में मध्य प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर राजधानी दिल्ली ही है. इस समयावधि में यहां 1.91 लाख संज्ञेय अपराधिक केस दर्ज किए गए हैं. पूरे देश में क्राइम के कुल 34651 केस दर्ज किए गए.

रेप के मामले
  • मध्य प्रदेश- 4391
  • दिल्ली- 2199
  • महाराष्ट्र- 4144
  • राजस्थान- 3644
  • उत्तर प्रदेश- 3025
  • ओडिसा- 2251
  • असाम- 1733
  • छत्तीसगढ़- 1560
  • केरला- 1256
  • पश्चिम बंगाल- 1129
  • हरियाणा- 1070
  • बिहार- 1041
  • चंडीगढ़- 72
  • अंडमान एवं निकोबार- 36
  • दादर नगर हवेली-  8
  • दमनद्वीप- 5
  • पांडुचेरी- 3
  • लक्ष्यद्वीप- 0

क्या है पॉस्को कानून
बच्चों के साथ आए दिन यौन अपराधों की ख़बरें समाज को शर्मसार करती नजर आती हैं. इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या देखकर सरकार ने वर्ष 2012 में एक विशेष कानून बनाया था. जो बच्चों को छेड़खानी, बलात्कार और कुकर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है. उस कानून का नाम पास्को एक्ट है.

क्या है धारा 377
धारा 377 अप्राकृतिक यौन संबंध को गैरकानूनी ठहराता है. 1862 में यह कानून लागू हुआ था. इसके तहत स्त्री या पुरुष के साथ अप्राकृतिक यौन संबध बनाने पर 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. यही नहीं किसी जानवर के साथ यौन संबंध बनाने पर उम्र कैद या 10 साल की सजा व जुर्माने का भी इसमें प्रावधान है.

Advertisement
Advertisement