तस्करी के जरिए भारत लाए जाने वाले पटाखों के खिलाफ जंग के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आ पा रहे हैं. खास तौर पर चीन में बने पटाखों और आतिशबाजी के सामान को लेकर. दूरदराज के शहरों की बात छोड़िए देश की राजधानी दिल्ली में ही आयातित पटाखों पर लगाए बैन को ढंग से लागू नहीं किया जा पा रहा. आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम ने दीवाली से पहले दिल्ली के थोक बाजारों में जाकर हकीकत जाननी चाही तो इस तरह के पटाखों से दुकानों को अटा हुआ पाया.
अंडर कवर रिपोटर्स ने दिल्ली के सदर बाजार और जामा मस्जिद मार्केट पहुंच कर देखा कि चीनी 'पॉप पॉप' पटाखों की बाढ़ आई हुई है. इनमें से अधिकतर अपनी विशिष्ट पहचान वाले पीले बॉक्सों में ही पैक थे लेकिन उन पर फर्जी 'मेड इन इंडिया' की मुहर लगी हुई थी. इन पर ना तो कोई बैच नंबर था और ना ही बनाने की तारीख. और तो और इन पर अधिकतम रिटेल मूल्य (MRP) भी नदारद था. चीनी पॉप पॉप पटाखे इतने खतरनाक होते हैं कि इन्हें जलाने के लिए माचिस की भी जरूरत नहीं होती.
ये जरा सी रगड़ से भी फट जाते हैं. घटिया कैमिकल्स और पैकेजिंग की वजह से इनको पास रखना भी जान जोखिम में डालना है. एक आयताकार बॉक्स में 2,500 पॉप पॉप पटाखे आ सकते हैं. अगर ये बॉक्स गलती से गिर जाएं या इन पर दबाव डल जाए तो भी इनका फटने का डर रहता है. अंडर कवर रिपोर्टर ने सदर में पटाखों की थोक दुकान चलाने वाले एक शख्स से बात की तो उसने बताया- " ये पटाखे भारत में ही बनते हैं. इन्हें हम यहां नहीं रख सकते. वो किसी भी वक्त फट सकते हैं."
इस थोक दुकानदार ने ये भी बताया कि उसने सीक्रेट जगह पर बनाए गोदाम में इन पटाखों को रखा हुआ है. उसने गोदाम में अपना स्टॉक दिखवाने की पेशकश भी की. लेकिन ये प्रतिबंधित पटाखे कुछ अन्य दुकानों पर खुलेआम बिकते दिखे. जामा मस्जिद और सदर बाजार में पटरी पर भी ये पटाखे सजे हुए थे तो नाबालिग बच्चे भी बेखौफ इन्हें बेच रहे थे. एक गत्ते के डिब्बे में 50 माचिस की साइज के पैकेटों की कीमत 500 रुपये थी. अंडर कवर रिपोर्टर ने खुद को ग्राहक बताते हुए पूछताछ शुरू की.
उसने एक थोक विक्रेता से पूछा कि ऐसे 100 डिब्बों की कीमत क्या होगी तो जवाब मिला- 47500 रुपए. इस थोक विक्रेता ने ये भी कहा कि जितने चाहो वो ये उतने पॉप पटाखे दिला सकता है. उसने आधे घंटे में ही पाप पॉप के 200 डिब्बे इकट्ठा कर देने का दावा भी किया. एक दुकानदार ने बताया कि 'मेड इन इंडिया' के लेबल ऐसे ग्राहकों को गच्चा देने के लिए लगाए गए हैं जो चीनी उत्पादों का बॉयकॉट कर रहे हैं. बता दें कि पाकिस्तान को चीन के समर्थन की वजह से चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है.
इस दुकानदार का कहना था, "कोई भी चीनी सामान नहीं खरीदना चाहता. सभी 'मेड इन इंडिया' चाहते हैं. कोई भी खुद को 'देश-विरोधी नहीं दिखाना चाहता." विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ती चीनी आतिशबाजी में पोटेशियम क्लोरेट का इस्तेमाल होता है. बता दें कि भारत में 1992 के बाद से पोटेशियम क्लोरेट के इस्तेमाल को लेकर बहुत सख्त नियम लागू हैं. ये यौगिक बहुत ही संवेदनशील होता है और जरा सी रगड़ से ही फट जाता है. दूसरी ओर, भारतीय पटाखों में सुरक्षित माने जाने वाले पोटेशियम और सोडियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होता है.