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ऑपरेशन नरकलोक का असर, चित्रकूट में अफसरों ने जमाया डेरा, शुरू हुई मजिस्ट्रेट जांच

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से जो भयावह तस्वीरें सामने आईं, उस मामले में अब जांच शुरू हो गई है. इसको लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने डेरा जमा लिया है.

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आजतक के ऑपरेशन नरकलोक का असर
आजतक के ऑपरेशन नरकलोक का असर

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  • आजतक के ऑपरेशन नरकलोक का व्यापक असर
  • आला अधिकारियों ने शुरू की मामले की जांच

कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में मासूम बच्चियों के साथ जो अत्याचार होता था, उसको लेकर आजतक के ‘ऑपरेशन नरकलोक’ से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. यहां चित्रकूट की खदानों में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण की बात सामने आने के बाद आला-अफसरों ने इलाके में डेरा डाल लिया है और मामले की छानबीन में जुट गए हैं. पूरी जानकारी लेने के लिए आजतक से भी संपर्क किया गया है.

रिपोर्ट को दिखाए जाने के बाद मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है. इसके अलावा डीएम से लेकर अन्य अफसर घटना स्थल पर पहुंचे और पीड़ितों से बात की.

कैसे होता था बच्चियों संग अत्याचार?

ये समझ लीजिए कि कैसे बुंदेलखंड के चित्रकूट में चंद रुपयों के लिए खनन के धंधे में लगे कुछ सफेदपोश मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे. गरीबी के मारे इन अभागे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर सौ-डेढ़ सौ रुपये की मजदूरी देने के बदले कुछ दरिंदे चित्रकूट की इन मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे. आजतक की पड़ताल में दर्द की ऐसी दास्तानें सामने आईं कि किसी की भी रूह कांप जाए.

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ऑपरेशन नरकलोक में आजतक ने दिखाया था कि कैसे दिनभर हाड़तोड़ मेहनत करने वाली बेटियों को शाम को अपना मेहनताना हासिल करने के लिए रेप तक का शिकार होना पड़ता था.

रिपोर्ट दिखाने के चंद घंटे बाद ही मजदूरी के नाम पर बलात्कार के मामले में प्रशासन की नींद टूट गई. खबर चलने के साथ ही मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जारी हो गए और फिर अगले कुछ घंटों के भीतर जिला प्रशासन के सारे बड़े अफसर इलाके में थे. वही अफसर जो अब तक ऐसे मामलों की बात को खारिज कर रहे थे, प्रशासन का अमला देर रात तक इलाके में डेरा डाले रहा.

Exclusive: चित्रकूट की खदानों में मजदूर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण

आजतक से ली जा रही मामले की पूरी जानकारी

आज तक की संवाददाता मौसमी सिंह को पुलिस प्रशासन की ओर से भी सारी जानकारी मुहैया कराने के लिए दर्जनों फोन आए. एसपी चित्रकूट के दफ्तर से ईमेल भेजकर आज तक से पीड़िता और दोषियों की जानकारी मांगी गई है.

इस मामले में अब डीएम शेषमणि पांडे और जोन के आईजी सीईओ समेत आला अधिकारी रात को छानबीन और पूछताछ में जुटे रहे. इस खबर से सोशल मीडिया में भी हड़कंप मच गया. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी योगी सरकार से इस मसले पर कार्रवाई करने की मांग की है.

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