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योगी राज में चढ़ा क्राइम का ग्राफ, यूपी में लूट 20%, रेप 41% बढ़े

योगी सरकार ने मंगलवार को अपने सौ दिन पूरे कर लिए. इस मौके पर सरकार ने पिछले साल के मुकाबले अपराध के ग्राफ में गिरावट का दावा किया. इन दावों पर दम भरते हुए योगी सरकार पूरे जोश में नजर आई लेकिन सूबे की पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार के इन दावों की हकीकत कुछ और ही नजर आई.

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योगी सरकार के 100 दिनों में बढ़ा अपराध का ग्राफ
योगी सरकार के 100 दिनों में बढ़ा अपराध का ग्राफ

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योगी सरकार ने मंगलवार को अपने सौ दिन पूरे कर लिए. इस मौके पर सरकार ने पिछले साल के मुकाबले अपराध के ग्राफ में गिरावट का दावा किया. इन दावों पर दम भरते हुए योगी सरकार पूरे जोश में नजर आई लेकिन सूबे की पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार के इन दावों की हकीकत कुछ और ही नजर आई.

सरकार ने किया अपराध दर की गिरावट का दावा
योगी सरकार राज्य में अपराध दर की गिरावट का दावा करते हुए आंकड़े जारी करती है. सरकार के मुताबिक, पिछली सरकार के इन्हीं सौ दिनों और योगीराज के इन सौ दिनों में हत्या में 4.43 फीसदी, दहेज हत्या में 6.68 फीसदी, सड़क पर अपराध में 100 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा एससीएसटी क्राइम में भी 12.43 फीसदी की गिरावट आई है. दरअसल योगी सरकार लूट, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण और रेप जैसे अपराधों के ग्राफ पर रोशनी डालना भूल गई.

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राज्य में कई फीसदी बढ़ा क्राइम रेट
यूपी पुलिस ने 15 मार्च से 15 जून के बीच सूबे में हुए अपराध पर जो आंकड़े सामने रखे हैं, उनके मुताबिक, सूबे में हुई संगीन वारदातों की फेहरिस्त में शायद ही कोई कमी आई है. और तो और क्राइम रेट पिछले आंकड़ों को पूरी तरह से पार करते हुए तहस-नहस कर चुका है. यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 15 मार्च से 15 जून तक इन तीन महीनों में डकैती के मामले 13.85 फीसदी, लूट 20.46 फीसदी, फिरौती के लिए किए गए अपहरण 44.44 फीसदी और बलात्कार के मामलों में 40.83 फीसदी का इजाफा हुआ है.

खुद उलझे हैं सरकार और पुलिस
हां, राज्य में हुई हत्याओं के गिरते ग्राफ पर जरूर योगी सरकार के आंकड़े यूपी पुलिस के साथ मेल खा रहे हैं. मगर बाकी अपराधों पर चुप्पी साध लेना शायद सरकार की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. यही वजह है कि सरकार ने अपने 100 दिनों की उपलब्धियां गिनाते हुए अपराध के इन बढ़ते आंकड़ों पर बात करना बिल्कुल भी मुनासिब न समझा. बहरहाल इन आंकड़ों के फेर को सुलझाने का दावा करते हुए योगी सरकार और उनकी पुलिस खुद काफी उलझे हुए नजर आ रहे हैं.

भयमुक्त शासन का दिया था नारा
गौरतलब है, भयमुक्त शासन का नारा देते हुए जब 19 मार्च, 2017 को योगी आदित्यनाथ ने सूबे के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, तब शायद यूपी की जनता को भरोसा हो गया कि अब प्रदेश में अपराध का खात्मा निश्चित रूप से होकर रहेगा. योगी सरकार एक्शन में आई और ताबड़तोड़ फैसले लिए गए. महिला सुरक्षा के दावों पर योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया, लेकिन यह स्क्वॉड अपने काम के तौर-तरीकों को लेकर विवादों में ही घिरा रहा.

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