यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दस्ते का गठन किया गया है, ताकि उन्हें परेशान करने वालों को सबक सिखाया जा सके लेकिन कानपुर में एक रिटायर्ड सैनिक की बेटी और सीमा पर तैनात एक जवान की बहन को ऐसी हिम्मत दिखाना महंगा पड़ गया. युवती की शिकायत पर कार्रवाई के बजाय पुलिस ने उल्टे उसी को थाने में बेइज्जत कर डाला.
मामला कानपुर शहर का है. जहां घाटनपुर में रहने वाली एक युवती ने अपने दबंग पड़ोसियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार सीएम आदित्यनाथ से ट्विटर पर लगाई थी, बदले में पुलिस ने उसे ही उसके परिवार के साथ थाने में बैठा लिया और बेइज्जत किया. ये सब तब हुआ जब उसके ट्वीट के जवाब में खुद सीएम योगी की ओर से कहा गया था-टेक एक्शन.
पीड़िता के पिता रिटायर सैनिक हैं तो उसका भाई भी सेना में है और उरी हमले के वक्त उरी में ही तैनात था. लड़की का आरोप है कि उनका पड़ोसी काफी दबंग है और उसके लोग कई बार उसके साथ छेड़छाड़ कर चुके हैं. पुलिस से शिकायत की गई तो पड़ोसी ने घर आकर मारपीट शुरू कर दी लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया.
27 मार्च को लड़की ने सीएम योगी को ट्वीट करके शिकायत दर्ज कराते हुए मदद मांगी थी. शिकायत पर टेक एक्शन का जवाब भी आया. उसके बाद कानपुर एसएसपी का भी फोन आया कि हम आपकी शिकायत पर कार्यवाही करवा रहे हैं लेकिन पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय उल्टा छुट्टी से लौटकर जम्मू छावनी जा रहे युवती के भाई को ही हिरासत में ले लिया.
सूचना पाकर जब वह अपनी मां के साथ घाटमपुर थाने गई तो वहां पुलिस के सीओ ने उनकी खूब बेइज्जती की. उसका फोन ले लिया गया और कहा कि सीएम को ट्वीट करती हो बताओ क्या ट्वीट किया था. लड़की की मां कैंसर से पीड़ित है. जिसकी हालत बिगड़ गई.
उधर, डीएसपी राजेश कुमार पांडे ने लड़की के आरोपों को गलत बताया और कहा कि 25 मार्च को लड़की के सैनिक भाई पर मारपीट की एनसीआर दर्ज हुई थी. उसी को मैनेज करने के लिए लड़की ने सीएम को ट्वीट किया था. थाने में ट्वीट करने को लेकर उससे किसी ने कुछ नहीं कहा. अगर हम उसे रोकते तो वह ट्वीट कैसे कर पाती. उसके भाई को केवल पूछताछ के लिए थाने लाया गया था.