राजस्थान के कोटा में फिर एक छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. छात्रा कोटा में रहकर पीएमटी की तैयारी कर रही थी. बीती रात वह हॉस्टल के कमरे में फांसी पर लटकी पाई गई. मौके से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है.
मामला कोचिंग सिटी कोटा के महावीर नगर थाना इलाके का है. जहां बिहार के खगरिया की रहने वाली स्नेहा सुमन एक हॉस्टल में रहकर पीएमटी की तैयारी कर रही थी. पिछले साल ही उसने कोटा के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन लिया था. इसके साथ ही वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रही थी.
सोमवार की शाम को पांच बजे उसे हॉस्टल कर्मचारियों और अन्य छात्राओं ने देखा था. करीब 6 बजे के बाद उसने कमरे में जाकर पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. रात को जब वह खाना खाने के लिए कमरे से बाहर नहीं आई तो अन्य छात्राएं उसे बुलाने कमरे में गई. लेकिन कमरे का दरवाजा नहीं खुला.
जानकारी मिलने पर वार्डन भी मौके पर पहुंची और दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नही आया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची जहां छात्रा फंदे पर लटकी हुई थी. पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
मृतका के परिजनों को सूचना दे दी गई है. पुलिस को छानबीन में पता चला कि रविवार को छात्रा का कोचिंग में टेस्ट भी था. प्रथम दृष्टया पुलिस पढ़ाई के तनाव को आत्महत्या का कारण मान रही है.
जांच अधिकारी कालूराम का कहना है कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. उसके साथ रहने वाली छात्राओं से पूछताछ की जा रही है. घरवालों ने बताया है कि उसके उपर कोई दबाव नहीं था लेकिन बताया जा रहा है कि पढ़ाई का दबाव सुसाइड की एक वजह हो सकती है.
गौतलब है कि मानवाधिकार आयोग से लेकर मानव संसाधन मंत्रालय और राज्य सरकार की कई टीम कोटा में हो रही सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं. लेकिन छात्रों के आत्महत्या करने का सिससिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल अब तक 16 छात्र-छात्राओं ने कोटा में सुसाइड किया है. यानी हर महीने दो छात्र अपनी जान दे रहे हैं.