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शव दफनाने को लेकर सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस की गोली से एक शख्स की मौत

बिहार के दरभंगा जिले के बहेरी थाना अंतर्गत हाबीडीह गांव में शव दफनाये जाने का विरोध कर रहे लोगों की पुलिस के साथ हुई झड़प के दौरान पथराव और गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग जख्मी हो गए. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्थिति को सामान्य बनाने के लिए घटनास्थल पर कैंप किए हुए हैं.

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बिहार के दरभंगा जिले में हुई वारदात
बिहार के दरभंगा जिले में हुई वारदात

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बिहार के दरभंगा जिले के बहेरी थाना अंतर्गत हाबीडीह गांव में शव दफनाये जाने का विरोध कर रहे लोगों की पुलिस के साथ हुई झड़प के दौरान पथराव और गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग जख्मी हो गए. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्थिति को सामान्य बनाने के लिए घटनास्थल पर कैंप किए हुए हैं.

बिहार सरकार ने वर्ष 1956 में तीन लोगों को एक भूखंड का पर्चा आवंटित किया था. इस पर जिला प्रशासन द्वारा मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति के शव को दफनाने की अनुमति दी गयी थी, लेकिन बहुसंख्यक समुदाय के विरोध के कारण बीती रात्रि से उक्त शव पड़ा हुआ था. प्रशासन के संरक्षण में जब शव दफनाया गया तो लोग भड़क गए.

पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जवाबी कार्रवाई के तौर पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत और तीन अन्य व्यक्ति घायल हो गए. अनुमंडल अधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह के अंगरक्षक मोहम्मद आफताब के कारबाईन से संभवत: चलाई गयी गोली से विजय राम की मृत्यु हो गई.

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प्रशासन ने बाद में अंगरक्षक मोहम्मद आफताब को निलंबित कर दिया. घटना जहां घटी उक्त स्थान पर एक कब्रिस्तान है. उसके बगल में एक शमशान भी है. शमशान और कब्रिस्तान के निकट उक्त पांच कठ्ठे के भूखंड का पर्चा फुदी सदा, रामकिशुन सदा और गरीब पासवान नामक तीन लोगों को राज्य सरकार ने 1956 में आवंटित किया था.

इस पर एक मुस्लिम का शव दफनाए जाने से यह हिंसा भड़की. दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त आर के खंडेलवाल ने बताया कि इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि मृतक के आश्रित को अनुग्रह राशि के तौर पर चार लाख रुपये दिए जाएंगे. इस राशि के साथ मृतक के परिवार को कुल 11 लाख रूपये मिलेंगे.

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