दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में प्रचारकों के रुकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस दौरान दिल्ली पुलिस और सरकार का आपसी तालमेल ना होना भी परेशानी का सबब बन गया. हम आपको बताने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस मामले में तारीख दर तारीख हुआ क्या है.
21 मार्च 2020
गृह मंत्रालय ने मरकज से जुड़े 824 विदेशियों का विवरण दिल्ली पुलिस के साथ साझा किया. ताकि उनकी पहचान की जाए और उनका मेडिकल कराने के बाद उन्हें क्वारनटीन किया जाए. इस काम में कोई बल प्रयोग की कोशिश ना हो. आराम से उस स्थान को खाली कराया जाए.
21 मार्च 2020
निजामुद्दीन इलाके के उस मरकज में 1746 व्यक्ति ठहरे हुए थे. जिनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय थे. गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी थी और राज्य पुलिस को सूचित किया जा चुका था.
21 मार्च 2020
824 विदेशी और 1000 भारतीय नागरिक देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित धार्मिक चीला गतिविधियों में शामिल थे.
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24 मार्च 2020
हज़रत निज़ामुद्दीन पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने नोटिस जारी किया. जो मरकज परिसर को खाली करने के बाद बंद कराने के संबंध में था. इस काम के लिए कोई बल प्रयोग नहीं किया जाना था.
24 मार्च 2020
नोटिस मिलने के बाद मरकज ने पुलिस को बताया कि विभिन्न राज्यों और देश के 1000 लोग उनके परिसर में हैं. इन लोगों के लिए वाहनों की व्यवस्था करने का एक अनुरोध क्षेत्र के एसडीएम से किया गया है.
25 मार्च 2020
इसके बाद एक मेडिकल टीम ने मरकज का दौरा किया.
26 मार्च 2020
एसडीएम ने मरकज के अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए वहां का दौरा किया. साथ ही एसडीएम ने हालात का जायजा भी लिया.
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27 मार्च 2020
निजामुद्दीन के मरकज में रहने वाले 6 लोगों को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया.
28 मार्च 2020
एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम ने मरकज का दौरा किया और 33 व्यक्तियों को राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया.
28 मार्च 2020
लाजपत नगर के एसीपी ने मरकज को एक नोटिस जारी किया. जिसमें निषेधात्मक आदेशों को दोहराते हुए और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई.
28 मार्च 2020
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ-साथ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की. देश के अलग-अलग राज्यों में मरकज में आए 2137 व्यक्तियों की पहचान की गई.
31 मार्च 2020
दिल्ली पुलिस ने सरकारी निर्देश का पालन नहीं करने के लिए मरकज से जुड़े 6 लोगों को नामजद किया. जबकि अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
31 मार्च 2020
मरकज के आयोजन में भाग लेने वाले 97 लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए.
01 अप्रैल 2020
मरकज से 2361 लोगों को निकाला गया. फिर उनकी जांच की गई और उन्हें क्वारनटाइन किया गया. इनमें से 600 से अधिक लोगों में COVID-19 के लक्षण पाए गए, जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.