कोरोना वायरस की वजह से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है और पूरे देश में इसे सख्ती के साथ लागू किया जा रहा है. इसे पूरी तरह से कामयाब बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के साथ-साथ पुलिस की भी है. इसके लिए सरकार और पुलिस कई स्तर काम कर रही है. जिससे लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. लेकिन बिहार के खगड़िया जिले में पुलिस का आमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां लॉकडाउन तोड़ने की वजह से कुछ बुजुर्गों को सरेआम पीटा गया, फिर उनसे उठक-बैठक लगवाई.
लॉकडाउन के दौरान ताश खेल रहे थे कुछ लोग
देश के अलग- अलग राज्यों में पुलिस जहां कोरोना वायरस के लिए लॉकडाउन कितना जरूरी है, यह लोगों को समझा रही है गरीबों और जरूरतमंदों की हर तरह से मदद करने में जुटी है. वहीं बिहार के खगड़िया जिले में एक शर्मसार कर देने वाली घटना ने हर किसी को परेशान कर दिया. लॉकडाउन तोड़ने के लिए पुलिस ने लोगों पर लाठी बरसाई और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा. पिटाई के अलावा बुजुर्गों को उठक-बैठक लगवा कर उन्हें बेइज्जत भी किया गया. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने लॉकडाउन के नियम को तोड़ा था.
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पुलिस ने लोगों की पिटाई
दरअसल बेलदौर थाना की पुलिस कुर्बन और बारुण गांव में लॉकडाउन का जायजा लेने के लिए निकली थी. लेकिन कुर्बन गांव में कुछ बुजुर्ग एक साथ ताश खेल रहे थे. फिर क्या पुलिस ने अपना आपा ही खो दिया और लोगों की पिटाई शुरू कर दी. जो हाथ आया उस पर ही डंडे बरसाए और बुजुर्गों से उठक-बैठक लगवाई.
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पुलिस की सफाई
वहीं इस मामले पर पुलिस ने अपनी सफाई दी है. पुलिस का कहना है कि जब कुछ लोगों को अपने घर में रहने के लिए बोला गया. तो कुछ लोग पुलिस के साथ ही उलझ पड़े. जिसके बाद पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी. हालांकि एसपी ने इस घाटना की जांच का भरोसा दिलाया है.