दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिसमें तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद कैदियों को मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है.
इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना के मद्देनजर हाई सिक्योरिटी वार्ड में रहने वाले कैदियों की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि कोरोना के बाद से जेल में उनके परिजनों को भी मिलने से रोक दिया गया है. पूरे दिन वो अपनी सेल में बंद रहते हैं. ऐसे में कैदियों को सामान्य जीवन बिताने और मानसिक रोगों से दूर रखने के लिए 24 घंटे में एक बार मनोरंजन का कोई साधन उपलब्ध कराया जाए.
यह जनहित याचिका दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से लगाई गई है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से जुड़े वकील हरप्रीत सिंह होरा ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि तिहाड़ जेल में बंद कैदी जगतार सिंह हवारा ने उनको एक पत्र लिखा है. जगतार सिंह हवारा को तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है. जगतार सिंह हवारा तिहाड़ जेल में पंजाब के 12वें मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद से यहां बंद है. हरप्रीत सिंह होरा जगतार सिंह हवारा के भी वकील हैं.
हवारा के वकील ने कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि कोरोना वायरस की वजह से हाई सिक्योरिटी जोन के कैदियों की परिवार वालों से मुलाकात जेल प्रशासन ने बंद करा दी है. सुरक्षा के मद्देनजर हाई सिक्योरिटी जोन के कैदियों को आम कैदियों से मिलना-जुलना भी नहीं होता है. ऐसे में हाई सिक्योरिटी जोन के कैदी सामाजिक और पारिवारिक रूप से पूरी तरह से कट गए हैं. ऐसी स्थिति में उनके मानसिक रूप से बीमार होने की संभावनाएं और बढ़ गई है. लिहाज़ा अगर कोर्ट जेल प्रशासन को आदेश दे, तो इन कैदियों को मनोरोगी होने से बचाया जा सकता है.
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दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. शुक्रवार को हुई संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा और बताया कि हाई सिक्योरिटी जोन में कैद कैदियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए उनके मनोरंजन की व्यवस्था करना कितना जरूरी है. फिलहाल कोर्ट ने जेल प्रशासन को कोई नोटिस जारी नहीं किया है, लेकिन कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक और याचिका के साथ इस जनहित याचिका को क्लब कर दिया है. अब इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 31 जुलाई को दोबारा विस्तार से सुनवाई करेगा.
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