महाराष्ट्र के ठाणे में पति द्वारा बच्चे के लिए लगातार प्रताड़ित किए जाने
से दुखी पत्नी के खुदकुशी मामले में कोर्ट ने अनोखा फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने दोषी व्यक्ति को 14 दिनों के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए उसे
अपने सास-ससुर का ख्याल रखने का आदेश दिया है. इसके साथ ही दोषी को अपने
सास-ससुर को 50 हजार रुपये जुर्माना देने का भी निर्देश दिया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मृदुला वीके भाटिया ने बुधवार को जारी आदेश में रिजवान गनी नूरी को अपनी पत्नी को गर्भधारण करने में असमर्थ होने के कारण परेशान करने का दोषी ठहराया. नूरी की 1999 में शगुफ्ता के साथ शादी हुई थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी. इसके लिए नूरी द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने की वजह से शगुफ्ता ने नवंबर, 2010 में खुदकुशी कर ली थी.
मृतका के परिजनों की तहरीर पर नूरी के खिलाफ IPC की धारा 306 और 498ए के तहत केस दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ धारा 306 के तहत आरोप साबित नहीं हो सके. इसलिए उसे धारा 498A के तहत दोषी ठहराया गया. अदालत ने अभियुक्त को 14 दिन के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, जो वह पहले ही जेल में गुजार चुका है. कोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.